जयपुर। राजस्थान सरकार शहरी इलाकों में जरूरतमंद परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी योजना शुक्रवार से शुरू कर रही है। 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना' के लिए 2.25 लाख से अधिक परिवार पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं। सरकार ने इसके लिए 800 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की यह देश की सबसे बड़ी योजना है। इसकी शुरुआत नौ सितंबर से होगी। इस योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका अर्जन की दृष्टि से प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।
योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है। उन्होंने बताया कि योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा।
योजना के तहत जॉब (रोजगार) कार्डधारक परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोज़गार उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें जॉब कार्ड रखने वाले परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं। योजना के लिए पंजीयन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है। एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है।
योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है। आवेदन करने के पश्चात 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है। पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारक के खाते में किया जाएगा।
योजना के नियमों के तहत इसमें श्रम एवं सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75:25 में निर्धारित किया गया है। विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों हेतु पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25:75 हो सकेगा। योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सफाई, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, विरासत संपदा संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे।
अब तक 2.25 लाख से अधिक जॉब कार्ड जारी हो चुके हैं। समस्त निकायों में 9,500 से अधिक कार्य चिन्हित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है। चिन्हित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है तथा लगभग 6000 कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है।