गांधीनगर। अरब सागर में पिछले दिनों उठे तूफान 'वायु', जिसके डर से गुजरात में बचाव की व्यापक तैयारियां की गई थीं, उसने कोई नुकसान तो नहीं किया अलबत्ता अब तक मानसून की राह देख रहे पानी की कमी वाले इस पश्चिमी राज्य में कुछ ही दिनों में औसत वार्षिक वर्षा के 5 प्रतिशत से भी अधिक बरसात की सौगात दे दी।
विशेष रूप से राज्य के सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात में तो बहुत ही अच्छी वर्षा हो गई और स्थानीय किसानों का मानना है कि आमतौर पर जून के तीसरे सप्ताह तक राज्य में आने वाला मानसून अब अगर जल्द ही आ जाए तो खेती भी खासी अच्छी हो सकती है।
वायु तूफान एक अति गंभीर चक्रवाती तूफान के तौर पर 13 जून को गुजरात के तट के निकट तक पहुंच गया था और इससे होने वाले संभावित खतरे के चलते तटीय इलाकों से लगभग 3 लाख लोगों को स्थानांतरित करना पड़ा था।
सेना के तीनों अंगों समेत अन्य एजेंसियों को संभावित राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया था, पर यह तट के पास से दिशा बदलकर ओमान की ओर मुड़ गया और बाद में जब वापस लौटा तो निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में उत्तरी तट से 17 जून की देर रात गुजरा। इसके प्रभाव से पिछले लगभग एक सप्ताह में खासी वर्षा हुई।
आज सुबह मौसम विभाग की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में अब तक 5.14 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है। सबसे अधिक सौराष्ट्र में लगभग 10 प्रतिशत (9.86) वर्षा हुई है। उत्तर गुजरात में 8 प्रतिशत, कच्छ में 2.27 प्रतिशत, पूर्व मध्य गुजरात में 2.39 प्रतिशत और दक्षिण गुजरात जहां मात्रा के लिहाज से अधिक वर्षा होती है, में 1.94 प्रतिशत वर्षा हुई है।
पिछले 24 घंटे में राज्य के सभी 33 जिलों के 209 तालुका में वर्षा हुई है और इसमें सर्वाधिक 113 मिलीमीटर उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले के वीजापुर तालुका में दर्ज की गई है। गिर सोमनाथ जिले के उना तालुका के एक किसान जयंती वाछाणी ने आज कहा कि अब अगर मानसून की वर्षा भी जल्द ही शुरू हो जाए तो खेती खासी अच्छी हो सकती है। अब तक जितनी वर्षा हुई है वह कृषि का काम शुरू करने के लिए पर्याप्त है।