Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

राहुल गांधी व कुमारस्वामी के हस्तक्षेप से कर्नाटक में सियासी संकट टला...

Webdunia
बुधवार, 16 जनवरी 2019 (23:59 IST)
बेंगलुरु। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के परोक्ष और जनता दल (एस) नेता एवं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के सीधे हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों की नाराजगी से राज्य में उपजा राजनीतिक संकट फिलहाल टलता प्रतीत होता नजर आ रहा है। 
 
पार्टी के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक कुमारस्वामी ने पार्टी के सभी नाराज अधिकांश विधायकों से सीधी बातचीत की। इन कांग्रेसी विधायकों को कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के ‘कब्जे’ में बताया जाता है।
 
सूत्रों ने कहा कि दो निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा सरकार को समर्थन वापस लेने से चिंतित कुमारस्वामी ने भाजपा के खिलाफ कड़ा कदम उठाया और गांधी की रणनीतिक मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस के विधायकों को समझाने का बीड़ा उठाया।
 
गांधी के आश्वासन से लैस मुख्यमंत्री ने असंतुष्ट विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक आवंटन तथा उनके लाभ के लिए अन्य कदम उठाने का भी भरोसा दिया ताकि राज्य में जारी राजनीतिक संकट से बाहर निकला जाय।
 
इसका मतलब यह भी हुआ कि कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री तथा गठबंधन सरकार की संयुक्त समन्वय समिति के प्रमुख सिद्दारामैया और उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर समेत राज्य नेतृत्व को दरकिनार कर दिया है।
 
सूत्रों ने कहा कि असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत राज्य के किसी भी नेता से बात करने से इंकार के बाद ही मुख्यमंत्री सात माह पुरानी जद (एस) -कांग्रेस गठबंधन सरकार को बचाने के लिए खुद को आगे ले गए।
 
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष से समर्थित मुख्यमंत्री ने फोन पर सभी असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों से बात की और उनकी शिकायतों को ध्यान से सुना।
 
इस बीच कर्नाटक में अपने राजनीतिक खेल में ‘बदनामी’ के बाद भाजपा नेता बचाव की मुद्रा में आ चुके हैं तथा उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को गिराने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
 
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता, वामन आचार्य ने इस बात से इंकार किया कि कांग्रेस नेताओं का ‘शिकार’ बनने के भय से 101 भाजपा विधायकों को हरियाणा ले जाया गया था। 
 
उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को पार्टी के कार्यक्रम में ले जाया गया था और उसका राज्य सरकार को गिराने की कवायद से कोई लेना-देना नहीं था। यदि कांग्रेस के नेता अपने विधायकों को एक साथ रखने की स्थिति में नहीं हैं, तो इसके लिए भाजपा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: संसद में अडाणी मामले में मचेगा घमासान, कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक से पहले की यह मांग

संभल में भारी तनाव, मस्जिद सर्वे के लिए आई टीम पर हमला, क्षेत्र छावनी में तब्दील

एक दिन में गिन गए 64 करोड़ वोट, भारतीय इलेक्शन सिस्टम के फैन हुए मस्क

केशव प्रसाद मौर्य का दावा, 2047 तक सत्ता में नहीं आएगी सपा

पीएम मोदी ने बताया, युवा कैसे निकाल रहे हैं समस्याओं का समाधान?

આગળનો લેખ
Show comments