चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य विधानसभा में शुक्रवार को 2020-21 के लिए 1.54 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया।
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बजट पेश करते हुए कृषि मजदूरों का ऋण माफ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए 520 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। बजट में शिक्षा के लिए 13,092 करोड़ रुपए और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिए 4,675 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया।
बादल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए इस साल मार्च से 6 प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 6ठे वेतन आयोग के सुझावों को 2020-21 में लागू करेगी।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री पर लिए जाने वाले मंडी शुल्क की दर फलों एवं सब्जियों के लिए 4 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया जाएगा। मंत्री ने भूमि उपयोग में बदलाव पर लगने वाले शुल्क को 2 साल के लिए समाप्त करने की भी घोषणा की।
बादल ने कहा कि 2020-21 में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 88,004 करोड़ रुपए और व्यय 95,716 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 2020-21 में राजस्व घाटा 7,712 करोड़ रुपए और राजकोषीय घाटा 18,828 करोड़ रुपए रह सकता है।
बादल ने कहा कि सामने उपस्थित कठिन चुनौतियों के बाद भी हमने 2017-18 और 2018-19 में राजकोषीय घाटा क्रमश: 2.61 प्रतिशत और 3.08 प्रतिशत पर लाने में सफलता प्राप्त की जबकि इनके लिए बजट लक्ष्य क्रमश: 4.96 प्रतिशत और 3.81 प्रतिशत था।
उन्होंने राज्य का कर्ज 2019-20 के संशोधित अनुमान 2,28,906 करोड़ रुपए से बढ़कर 2020-21 में 2,48,236 करोड़ रुपए पर पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया। राज्य सरकार ने बजट में गुरुदासपुर और बालाचौर में 2 कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया।