जम्मू। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को PSA लगा दिया। उन्होंने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर पीएसए (जन सुरक्षा अधिनियम) लगाने की तैयारी कर रहा है।
6 माह से ज्यादा ऐसे बंदियों को एहतियातन हिरासत (प्रिवेंटिव डिटेंशन) में नहीं रखा जा सकता। इसलिए यह कदम उठाया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती व नौकरशाह से राजनेता बने शाह फैसल शामिल हैं। नेशनल कांफ्रेंस (NC) अध्यक्ष व सांसद पहले से ही पीएसए के तहत बंद चल रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री 5 अगस्त से बंद हैं, लेकिन इन्हें एमएलए होस्टल में नहीं रखा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिलहाल ट्रांस्पोर्ट लेन में एक सरकारी गेस्ट हाऊस में हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने घर के पास गुपकार पर स्थित एक सरकारी बंगले में रखे गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुक अबदुल्ला को पीएसए के तहत उनके ही घर में बंदी बनाकर रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
इसके मद्देनज़र तीन करीब 500 प्रमुख नेताओं को हिरासत में लिया गया था। इनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित बुनियादी ढांचा के कारोबारी नेताओं को एहतियाती हिरासत में ले लिया गया था।
डॉ. अब्दुल्ला पर तो पीएसए लगाया गया है जिसकी अवधि 17 दिसंबर को बढ़ाई गई थी। वे राज्य के पहले ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान सांसद हैं जिन पर वह पीएसए लागू किया गया था जिसको उनके अब्बाजान शेख अब्दुल्ला ने वन तस्करों को जेलों में डालने की खातिर बनाया था।