Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

बंबई हाई कोर्ट का फैसला, फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिसकर्मी को आजीवन कारावास

22 लोगों पर हत्या का आरोप था

बंबई हाई कोर्ट का फैसला, फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिसकर्मी को आजीवन कारावास

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 19 मार्च 2024 (19:32 IST)
Former policeman sentenced to life imprisonment : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने पूर्व पुलिसकर्मी प्रदीप शर्मा को 2006 में मुंबई में गैंगस्टर छोटा राजन (Chhota Rajan) के कथित करीबी सहयोगी रामनारायण गुप्ता (Ramnarayan Gupta) की फर्जी मुठभेड़ के मामले में मंगलवार को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में 22 लोगों पर हत्या का आरोप था।

 
बरी करने के फैसले को गलत करार दिया : न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की एक खंडपीठ ने शर्मा को बरी करने के एक सत्र न्यायालय के 2013 के फैसले को गलत और नहीं टिकने लायक करार देते हुए रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि निचली अदालत ने शर्मा के खिलाफ उपलब्ध पर्याप्त सबूतों को नजरअंदाज कर दिया। सबूत मामले में उनकी संलिप्तता को स्पष्ट रूप से साबित करते हैं। पीठ ने शर्मा को तीन सप्ताह में संबंधित सत्र अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
 
22 लोगों पर हत्या का आरोप था : उच्च न्यायालय ने पुलिसकर्मियों सहित 13 व्यक्तियों को निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाने को भी बरकरार रखा और 6 अन्य आरोपियों की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया और उन्हें बरी कर दिया। 13 पुलिसकर्मियों सहित 22 लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया था।

 
मृतक के भाई ने अपील दायर की : वर्ष 2013 में सत्र अदालत ने सबूतों के अभाव में शर्मा को बरी कर दिया था और 21 आरोपियों को दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 21 आरोपियों में से 2 की हिरासत में मौत हो गई। आरोपियों ने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की, वहीं अभियोजन पक्ष और मृतक के भाई रामप्रसाद गुप्ता ने शर्मा को बरी करने के फैसले के खिलाफ अपील दायर की।
 
विशेष लोक अभियोजक राजीव चव्हाण ने दलील दी कि वर्तमान मामले में, जो अधिकारी कानून और व्यवस्था के संरक्षक थे, वे स्वयं एक निर्मम हत्या में लिप्त थे। मामले में शर्मा को दोषी ठहराने का अनुरोध करने वाले अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि पूर्व पुलिसकर्मी अपहरण और हत्या के पूरे अभियान का मुख्य साजिशकर्ता था।

 
फर्जी मुठभेड़ में मार डाला गया था : 11 नवंबर 2006 को एक पुलिस दल ने गुप्ता उर्फ ​​लखन भैया को पड़ोसी वाशी से इस संदेह पर पकड़ा था कि वह राजन गिरोह का सदस्य है। उसके साथ उसके दोस्त अनिल भेड़ा को भी पकड़ा गया था। गुप्ता को उसी शाम उपनगरीय वर्सोवा में नाना नानी पार्क के पास एक फर्जी मुठभेड़ में मार डाला गया था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

हनुमान चालीसा विवाद: व्यापारी पर हुए हमले के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन