Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Joshimathh: भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों का गुस्सा फूटा, चक्काजाम और बाजार बंद से बद्रीनाथ हाईवे पर लगी गाड़ियों की लंबी लाइन

Joshimathh: भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों का गुस्सा फूटा, चक्काजाम और बाजार बंद से बद्रीनाथ हाईवे पर लगी गाड़ियों की लंबी लाइन

एन. पांडेय

, गुरुवार, 5 जनवरी 2023 (16:36 IST)
जोशीमठ। 'जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति' के जोशीमठ में गुरुवार को चक्काजाम और बाजार बंद से औली रोड पर 1 किलोमीटर का लगा लंबा जाम लग गया। भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। जोशीमठ संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को भी देर शाम लोगों ने हाथ में मशाल लेकर बद्रीनाथ स्टैंड से मारवाड़ी चौक तक सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
 
गुरुवार को प्रभावितों के बद्रीनाथ हाईवे जाम करने से गाड़ियों की लंबी लाइन लगी रही। जोशीमठ बाजार भी पूर्ण बंद रहा। लगभग 27 परिवारों के 120 लोग अभी तक शिफ्ट किए जा चुके हैं। जिला प्रशासन ने जोशीमठ तहसील में प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है जिसका दूरभाष नंबर 81717-48602 है।
 
ज्योतिर्मठ परिसर के भवनों, लक्ष्मीनारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मीनारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। इसी परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी स्थल है।
 
जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि लोगों के आशियाने उजड़ रहे हैं और वहां के लोग सीएम से मिलने आकर अपनी व्यथा सुनाते हैं तो सीएम का उनके साथ रूखा व्यवहार सामने आता है जिससे साफ है कि सीएम आपदा के समय भी राजनीति ही करते हैं।
 
webdunia
लगातार बढ़ते भू-धंसाव से जोशीमठ में आ रहीं दरारें केवल घरों तक सीमित न होकर सरकारी इमारतों, होटलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और मठ-मंदिरों में भी आने लगी हैं। मकानों व खेतों में बड़ी-बड़ी दरारों के दिखने के साथ ही हाईटेंशन लाइनों के भी तिरछे होने से लोगों की दहशत बढ़नी स्वाभाविक है। जोशीमठ के उद्यानों में लगे सेब, मलते समेत अन्य फलों के पेड़ भी खेतों में दरारों के चलते धराशायी होने लगे हैं। अपने घरों को दरारों से तिल-तिल गिरते देख इनमें रहने वाले लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं।
 
जोशीमठ में दरारें बढ़ने से हालात और भी खराब होने लगे हैं। दरारों से पानी का रिसाव तेज होने से लोग समझ नहीं पा रहे कि ये क्यों हो रहा है? राज्य सरकार ने एक 8 सदस्यीय टीम को जोशीमठ के दौरे पर भेजा है। बीते साल अगस्त में भी विशेषज्ञों के दल को सरकार ने जोशीमठ भेजा था। दल ने सितंबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
 
रिपोर्ट में बताया गया कि जोशीमठ मुख्य रूप से पुराने भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर बसा है। ऐसे क्षेत्रों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने की स्थिति में भूमि में समाने वाले पानी के साथ मिट्टी बहने से कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
 
रिपोर्ट में जोशीमठ में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने, अलकनंदा नदी से हो रहे भू-कटाव को रोकने, नालों को चैनलाइज करने व धारण क्षमता के अनुरूप निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने के सुझाव दिए गए थे। जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेन्द्र पवार ने बताया कि जोशीमठ के 576 घरों के 3,000 से ज्यादा लोग मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी का रिसाव होने के कारण उनके घरों में आई दरार से भयभीत होकर घर छोड़ चुके हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

BJP नेताओं की अश्लील सीडी आती तो प्रदेश होता बदनाम, बोले कमलनाथ, देश-दुनिया में होती छवि खराब