पुणे। पुणे की एक अदालत (Pune court) ने कथित धोखाधड़ी के एक मामले में आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट (NBW)शुक्रवार को रद्द कर दिया। जरांगे 23 जुलाई को अदालत में पेश नहीं हुए थे जिसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट (first class) की अदालत ने 2013 के धोखाधड़ी के एक मामले में जरांगे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
आरक्षण कार्यकर्ता शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) के समक्ष पेश हुए, वहीं उनके वकील हर्षद निंबालकर ने एक अर्जी दाखिल करके गैर जमानती वारंट रद्द करने का अनुरोध किया। अदालत ने अर्जी स्वीकार कर ली और जरांगे के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को रद्द कर दिया। जरांगे और 2 अन्य के खिलाफ 2013 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जरांगे और सह-आरोपी ने 2012 में शिकायतकर्ता से संपर्क किया था। यह व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज पर नाटकों का मंचन करता था और उन लोगों ने उसे जालना जिले में 'शंभुराजे' के 6 शो करने और उसे 30 लाख रुपए की पेशकश की थी। मामले के अनुसार 16 लाख रुपए का भुगतान तो कर दिया गया लेकिन बाकी पैसे को लेकर कुछ विवाद हुआ जिसके बाद शिकायत दर्ज की गई। इसके बाद अदालत ने पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta