राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक शरद पवार (Sharad Pawar) ने रविवार को संकेत दिया कि उनकी इच्छा राकांपा के बागी नेताओं को वापस लेने की नहीं है और कहा कि पार्टी को नए चेहरों का समर्थन करना चाहिए।
वे मुंबई के वाई बी चव्हाण सेंटर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। जुलाई में राकांपा को तब बड़ा झटका लगा था जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बगावत कर दी थी और आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और भाजपा की गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे।
शरद पवार ने कहा कि कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि अगर जो लोग सरकार में शामिल हो गए हैं वे वापस आने का प्रयास करें तो क्या करना चाहिए। हम इस बारे में कोई फैसला नहीं लेने जा रहे हैं। पार्टी के भीतर एक राय है कि जो नए हैं, उन्हें चुनाव से पहले समर्थन दिया जाना चाहिए।”
राकांपा के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से कहा था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है और सिर्फ कुछ "शरारती" लोग अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं। उनका इशारा बागी समूह की ओर था।
पवार ने अपनी पार्टी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आरोपों का जिक्र करते हुए उन पर भी कटाक्ष किया।
राकांपा के अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने राकांपा को भ्रष्ट पार्टी बताया। लेकिन उन टिप्पणियों के बाद, उन्होंने (राकांपा) उन लोगों को (राज्य सरकार में) शामिल कर लिया जिन पर उन्होंने उंगली उठाई थी। इससे पता चलता है कि मोदी कितने सिद्धांतवादी हैं।
अजित पवार के विद्रोह से कुछ हफ्ते पहले भोपाल में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक के साथ-साथ राज्य के सिंचाई और खनन क्षेत्रों में कथित घोटालों का जिक्र किया था और राकांपा पर 70,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था।