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Manipur Violence : हिंसा की आग में फिर सुलगा मणिपुर, इंटरनेट 5 दिनों तक सस्पेंड, स्कूल 27-29 सितंबर को बंद, CM बोले- CBI करेगी जांच

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बुधवार, 27 सितम्बर 2023 (00:05 IST)
Manipur Violence :  मणिपुर में 3 मई से शुरू हुआ जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अब मैतेई समुदाय के 2 किशोरों के शव बरामद होने का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रदेश में हिंसा एक बार फिर भड़क उठी है। राज्य सरकार ने बिगड़ते हालात को देखते हुए राज्य के तमाम सरकारी-प्राइवेट स्कूल 27 और 29 सितंबर को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। इस आदेश की जद में राज्य में संचालित सभी बोर्डों के स्कूल शामिल होंगे।  
 
5 दिनों तक इंटरनेट बंद : अफवाहों को रोकने के लिए अधिकारियों ने प्रदेश में अगले 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है। पीटीआई के अनुसार राज्य में ये प्रतिबंध 1 अक्टूबर 2023 की शाम तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान फोन सेवा तो जारी रहेगी लेकिन लोग इंटरनेट सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे। मणिपुर सरकार के गृह विभाग ने हालात को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। 
सीबीआई करेगी जांच : मणिपुर के मुख्यमंत्री एनं बीरेन सिंह ने ट्वीट किया, "लापता छात्रों के दुखद निधन के संबंध में कल सामने आई दुखद खबर के आलोक में, मैं राज्य के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राज्य और केंद्र सरकार अपराधियों को पकड़ने के लिए मिलकर काम कर रही है। 
 
इस महत्वपूर्ण जांच में और तेजी लाने के लिए, CBI निदेशक एक विशेष टीम के साथ कल सुबह एक विशेष विमान से इंफाल पहुंचेंगे। उनकी उपस्थिति इस मामले को तेजी से हल करने के लिए हमारे अधिकारियों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। मैं अपराधियों का पता लगाने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए लगातार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संपर्क में हूं। 
 
45 छात्र घायल :  2 युवकों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ पर पुलिस ने मंगलवार को आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसमें 45 से अधिक छात्र घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों की इंफाल पूर्वी जिले के संजेनथोंग के पास पुलिस के साथ झड़प हो गई, जब सुरक्षाबलों ने उन्हें यहां मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर बढ़ने से रोक दिया। 
 
क्या है एडवायजरी में : जारी एडवाइजरी के मुताबिक राज्य में कानून-व्यवस्था के मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार व्हाट्सएप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर दुष्प्रचार, झूठी अफवाहें और अन्य प्रकार की हिंसक गतिविधियां फैलने की रिपोर्टों को गंभीरता से लेती है। 
 
आशंका है कि इंटरनेट के जरिए प्रदर्शनकारियों की भीड़ को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे जीवन की हानि होने की संभावना है। ऐसे में जनहित में इंटरनेट पर बैन लगाने का फैसला लिया गया है। एजेंसियां Edited by :  Sudhir Sharma

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