बदायूं (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बदायूं जिले में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में मुख्य आरोपी एक महंत को गुरुवार आधी रात को गिरफ्तार कर लिया और 2 पुलिसकर्मियों के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
मुख्य आरोपी एवं मंदिर के महंत सत्यनारायण को पुलिस हिरासत में शुक्रवार को चिकित्सकीय जांच के लिए जिला अस्पताल लाया गया। तत्पश्चात उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि फिलहाल सत्यनारायण को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।उन्होंने कहा, महंत से पूछताछ कर काफी जानकारी जुटाई गई है और यदि हमें फिर से आवश्यकता होगी तो पुलिस हिरासत के लिए अर्जी दी जाएगी। हमने शुक्रवार को पुलिस हिरासत के लिए अर्जी नहीं दी है।उन्होंने कहा कि पूछताछ में महंत से जो भी जानकारी मिली है, वह जांच में काफी काम आएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर उघैती थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी एवं हलका प्रभारी के खिलाफ लापरवाही बरतने और अधिकारियों को घटना की सूचना देने में देरी करने के आरोप में आईपीसी की धारा 166ए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शर्मा ने बताया कि उघैती थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह एवं हलका प्रभारी अमरजीत सिंह ने घटना के 17 घंटे बाद अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। उघैती के थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
शर्मा ने बताया कि उघैती थाना क्षेत्र में हुई घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया था और तीन नामजद आरोपियों में से दो आरोपियों वेदराम और जसपाल की गिरफ्तारी पहले ही कर ली गई थी।उन्होंने बताया कि सत्यनारायण को मेवली गांव के निकट गुरुवार आधी रात को गिरफ्तार कर लिया गया।
घटना के संबंध में विस्तार से जानकारी देने संबंधी सवालों पर एसएसपी ने कहा कि पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है, कुछ और लोग भी पुलिस के रडार पर हैं जिनसे पूछताछ जारी है।उन्होंने कहा कि बहुत ही जल्दी मामले की तह तक पहुंचकर पूरी घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि गत रविवार को बदायूं जिले के उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव में मंदिर गई 50 वर्षीय एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। महिला के परिजन ने मंदिर के महंत और उसके दो साथियों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है।
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से गुरुवार को मुलाकात की और इस घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए।(भाषा)