-अवनीश कुमार एवं हिमा अग्रवाल, उत्तर प्रदेश से
लखनऊ। हाथरस गैंगरेप कांड (Hathras Case) के चारों आरोपी इस समय जेल में हैं और खुद को निर्दोष बताते हुए उन्होंने पुलिस अधीक्षक को न्याय पाने के लिए पत्र भेजा है। इस पत्र से चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया है।
आरोपियों में से एक संदीप ने पीड़िता के साथ मित्रता और फोन पर बात करना स्वीकार किया है और उनकी दोस्ती से लड़की का परिवार नाखुश था। इसलिए उन्होंने पीड़िता के साथ मारपीट की है। जेल से पुलिस अधीक्षक हाथरस को लिखे गए पत्र में चारों आरोपी लवकुश, रवि, रामकुमार उर्फ रामू व संदीप उर्फ चंदू ने अपने अंगूठे भी लगाए हैं।
गौरतलब है कि हाथरस कांड में रोज नई बातें सामने आ रही हैं। कभी गैंगरेप की शिकार हुई बेटी के भाई से मोबाइल पर आरोपी से 100 बार से अधिक बात करना या पीड़ित परिवार के घर में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का रहना। अब जेल से आरोपियों ने एक पत्र भेजकर सनसनी फैला दी है कि वो निर्दोष है, उन्हें पीड़ित परिवार फंसा रहा है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गुड़िया (काल्पनिक) के साथ जघन्य अपराध के बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार विपक्ष योगी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोपियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहा है, लेकिन इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है और कहां जा रहा है यह पत्र मुख्य आरोपी संदीप ने पुलिस अधीक्षक हाथरस को लिखा है। हालांकि वायरल हो रहे इस पत्र की वेबदुनिया पुष्टि नहीं करता।
वायरल हो रहे पत्र में बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं जहां कुछ दिन पूर्व पीड़ित और आरोपियों के बीच बातचीत होने की भी कॉल डिटेल के माध्यम से पुष्टि हुई थी तो वहीं वायरल पत्र ने फोन पर बातचीत होने की बात की पुष्टि कर दी है।
पत्र में आरोपी संदीप ने लिखा है कि उसे झूठे केस में मृतका के परिजनों ने ही फंसाया है। संदीप ने आगे कहा है कि गुड़िया (काल्पनिक) और उसके बीच अच्छी दोस्ती थी। वह गुड़िया (काल्पनिक) से मुलाकात करता था और फोन पर बात भी करता था। लेकिन यह बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी। घटना वाले दिन भी खेत में मुलाकात हुई थी, लेकिन उसने मुझे वहां से जाने को कह दिया।
इसके बाद मैं घर चला आया और फिर मुझे गांव वाले से पता चला कि मृतका की मां और उसके भाई ने उसके साथ मारपीट की है, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। संदीप ने पत्र में बार-बार लिखा है, वह खुद और तीन अन्य लोग निर्दोष हैं।मृतका की मां और भाई लगातार झूठ बोल रहे हैं। संदीप ने पत्र में बार-बार न्याय की गुहार लगाई है।