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कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं घटी

कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं घटी

सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 6 नवंबर 2017 (22:12 IST)
जम्मू। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सोमवार को दावा किया कि इस साल अप्रैल महीने के बाद कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई हैं। उनके दावों के बीच ही केंद्र सरकार द्वारा नवनियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा बातचीत से कश्मीर सुलझाने कश्मीर पहुंचे हैं।
 
 
सीआरपीएफ के आईजी रविदीप साही ने कहा कि 2017 में खासकर अप्रैल महीने के बाद पत्थरबाजी की घटनाएं घटी हैं। यह घटनाएं इसलिए कम हुई, क्योंकि पत्थरबाजी से किसी भी तरह का सकारात्मक परिणाम नहीं आ पाया और लोगों ने इसे महसूस करना शुरू किया। रविदीप साही ने कहा कि एनकाउंटर वाले जगहों पर पत्थरबाजी की घटनाएं चिंता का विषय हैं।
 
इस बीच जम्मू-कश्मीर में विभिन्न दलों और गुटों से बातचीत के लिए केन्द्र द्वारा विशेष वार्ताकार नियुक्त किए गए दिनेश्वर शर्मा सोमवार को पांच दिवसीय दौरे पर कश्मीर पहुंच चुके हैं। शर्मा के कश्मीर घाटी में तीन दिनों तक ठहरने की संभावना है और वह दो दिन जम्मू क्षेत्र का दौरा करेंगे, जहां वे राज्य के सभी पक्षों से अलग-अलग समूहों में या फिर व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करेंगे। 
 
सोमवार को जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल कुमार सिंह ने कहा कि दिनेश्वर शर्मा काफी अनुभवी व्यक्ति हैं और वह बातचीत पर सकारात्मक नतीजों की आशा करते हैं।
 
हालांकि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा था कि उन्हें वार्ताकार की नियुक्ति कर वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के प्रयास से अधिक उम्मीदें नहीं हैं।
 
उनके दौरे से पहले सईद अली शाह गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने रविवार को दावा किया कि राज्य सरकार के एक अधिकारी ने गिलानी और शर्मा की बैठक कराने को लेकर उनसे संपर्क साधा है। संगठन ने दावा किया कि उसके नेता केंद्र के प्रतिनिधि शर्मा से मुलाकात नहीं करेंगे।
 
हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के एक प्रतिनिधि ने चार और पांच नवंबर की दरम्यानी रात हुर्रियत अध्यक्ष से मिलने की इच्छा जताई, ताकि उनकी बैठक नामित वार्ताकार से कराई जा सके। उन्होंने कहा कि हुर्रियत के मुताबिक ‘जबरन कराई जा रही बातचीत’ को राजनीतिक या नैतिक आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता। 
 
प्रवक्ता ने कहा कि हम वार्ता की पेशकश खारिज करते हैं...यह महज बयानबाजी और वक्त की बर्बादी है और हुर्रियत या संगठन का कोई भी धड़ा नामित वार्ताकार से न तो मिलेगा और न ही इस बेकार की कवायद में हिस्सा लेगा।
 
इससे पहले कल दिनेश्वर शर्मा ने कहा कि उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन वह घाटी में सोमवार से शुरू हो रही बातचीत की प्रक्रिया को लेकर अपने काम से परखा जाना चाहते हैं। शर्मा ने कहा था कि मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन मेरे प्रयासों को अतीत के चश्मे से नहीं, बल्कि गंभीरता के साथ परखना होगा। 
 
खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में कई पक्षों के साथ बातचीत की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शर्मा को कश्मीर के लिए वार्ताकार घोषित किया था और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लालकिले से दिए गए भाषण का उल्लेख भी किया था। 
 
पीएम मोदी ने बीते 15 अगस्त के अपने भाषण में कहा था कि ना गाली से, ना गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से। यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे तो शर्मा ने कहा कि मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि रातोंरात हालात बदल दूं. परंतु मेरी यह कोशिश होगी कि राज्य में स्थायी शांति सुनिश्चित की जाए।

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