लखनऊ। ऐसा बहुत ही कम होता है जब जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का कार्यक्रम शांति से संपन्न हो। लखनऊ में भी शुक्रवार शाम कन्हैया के समर्थकों और विरोधियों में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई, जिसके चलते लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल को रद्द कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कन्हैया कुमार फेस्टिबल में अपनी किताब 'बिहार से तिहाड़' पर चर्च करने लखनऊ पहुंचे थे। कन्हैया के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। बताया जाता है कि इस दौरान हाथापाई की नौबत भी आ गई।
इस दौरान कई हिंदूवादी व सामाजिक संगठनों के युवा पहुंचे और कन्हैया को देशद्रोही बताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ लोगों ने कन्हैया को काले झंडे दिखाने के साथ प्रदर्शन भी किया। यह हंगामा इतना बढ़ा कि एसिड अटैक पीड़िताओं ने घेरा बनाकर कन्हैया कुमार को बचाया।
दूसरी ओर भाजपा से जुड़े लोगों को कहना था कि पूरा विवाद कन्हैया समर्थकों की ही देन है ताकि वे सुर्खियां बटोर सकें, जबकि प्रशासन का कहना है कि कार्यक्रम में शामिल अतिथियों की सूची में कन्हैया कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा का नाम शामिल था। प्रशासन ने इसे अनुमति की शर्तों का उल्लंघन माना है।
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