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RG Kar Case: कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी

RG Kar Case: कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 7 अक्टूबर 2024 (15:43 IST)
RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर (RG Kar) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म और हत्या के मामले में महिला चिकित्सक के लिए न्याय और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलनरत कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन (Hunger Strike till death) सोमवार को लगातार तीसरे दिन जारी है। बहरहाल राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर अभी कुछ नहीं कहा है।
 
6 कनिष्ठ चिकित्सक शनिवार शाम से ही आमरण अनशन कर रहे हैं और बाद में एक और चिकित्सक उनके साथ शामिल हो गए। 'ज्वॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स इन वेस्ट बंगाल' के 6 सदस्य कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ एकजुटता जताने के लिए अनशन में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं।ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट ने मांगी आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच पर रिपोर्ट
 
एक कनिष्ठ चिकित्सक अनिकेत महतो ने कहा कि हमारा आमरण अनशन जारी है। हमें राज्य सरकार से कोई संदेश नहीं मिला है। हम अपनी सभी मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे। कोई भी बाहरी दबाव हमें अपनी मृतक बहन के लिए न्याय मांगने के वास्ते प्रदर्शन करने की हमारी राह से नहीं हटा सकता। अभी नहीं तो कभी नहीं।
 
अनशन पर बैठने वाले 6 चिकित्सकों में कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्निग्धा हाजरा, तान्या पांजा और अनुष्टुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम अस्पताल के अर्नब मुखोपाध्याय, एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और के.पी.सी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शामिल हैं।
 
दो वरिष्ठ महिला चिकित्सक- श्रावणी मित्रा और श्रावणी चक्रवर्ती ने कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रति एकजुटता जताने के लिए प्रदर्शन स्थल पर 24 घंटे का अनशन शुरू कर दिया है। मित्रा ने कहा कि हम युवा चिकित्सकों के प्रति अपना समर्थन और एकजुटता दिखाने के लिए उनके साथ शामिल हो गए हैं। इसके अलावा 10-13 अन्य वरिष्ठ चिकित्सक भी उनके साथ जुड़ेंगे। वे भी अगले 24 घंटे तक अनशन करेंगे। मित्रा और चक्रवर्ती दोनों आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पूर्व छात्रा हैं।ALSO READ: आरजी कर की घटना के बाद क्या बदलेगा बंगाल का राजनीतिक परिदृश्य, क्या कहते हैं प्रबुद्ध वर्ग के लोग
 
प्रदर्शनरत चिकित्सकों में से एक ने कहा कि हम अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे चिकित्सकों के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। वे 36 घंटे से अधिक समय से अनशन कर रहे हैं। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है और हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए पश्चिम बंगाल सरकार जिम्मेदार होगी।
 
कनिष्ठ चिकित्सकों ने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों पर एक प्रतीकात्मक हमले के रूप में 'एप्रन' (कपड़ों के ऊपर पहने जाने वाला वस्त्र) पहनने का फैसला किया है जिनमें से प्रत्येक पर खून की तरह लाल रंग से हथेली के निशान बने होंगे।ALSO READ: आरजी कर कॉलेज करप्शन मामले में ED की रेड, संदीप घोष पर कसा शिकंजा
 
प्रदर्शनरत चिकित्सक वैशाली विश्वास ने कहा कि हमारे साथी चिकित्सक आमरण अनशन पर हैं। आरजी कर मामले में घोर अन्याय के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लाल रंग के हथेली के निशान वाले एप्रन पहनने का फैसला रविवार देर रात किया गया और सभी अस्पतालों में ऐसे एप्रन वितरित करने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
 
कनिष्ठ चिकित्सकों ने कोलकाता पुलिस पर सहयोग न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें शहर के धर्मतला इलाके में डोरिना क्रॉसिंग पर प्रदर्शन स्थल पर जैव-शौचालय स्थापित नहीं करने दिया गया। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कनिष्ठ चिकित्सकों ने उस स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं जहां उनके सहकर्मी आंदोलन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग और कुछ जानी-मानी हस्तियां प्रदर्शनरत चिकित्सकों के प्रति एकजुटता जताने के लिए प्रदर्शन स्थल पर एकत्रित हुए।
 
कनिष्ठ चिकित्सकों ने शुक्रवार को पूरी तरह काम रोक दिया था जिससे राज्य सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं चरमरा गई थीं। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने इस बात पर जोर दिया कि मृतक महिला चिकित्सक के लिए न्याय सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तुरंत हटाने के साथ ही कथित प्रशासनिक अक्षमता के लिए जवाबदेही तय करने और विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
 
उनकी अन्य मांगों में राज्य में सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली लाना, अस्पतालों में एक डिजिटल बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली स्थापित करना और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल कक्ष तथा शौचालयों के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्य बल का गठन भी शामिल है।
 
वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थाई महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती और चिकित्सक, नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए रिक्त पदों को तुरंत भरने की भी मांग कर रहे हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को साथी चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं। कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा किए जाने का वादा किया था।(भाषा)(प्रतीकात्मक चित्र)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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