पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार दलितों के मुद्दे पर 'घड़ियाली आंसू' बहा रही है और एससी - एसटी अधिनियम के तहत दर्ज हुए मामलों में दोषी ठहराए जाने की दर राज्य में बेहद कम है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हालिया दलितोन्मुख रुख आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर राजनीतिक फायदा उठाने के उद्देश्य से अपनाया है।
मांझी ने कहा, 'बिहार में वर्ष 2017 तक एससी - एसटी अधिनियम के तहत दर्ज 25,943 मामले लंबित थे। इनमें से सिर्फ 89 मामलों में सजा हुई जो महज 0.34 फीसदी है। नीतीश एक दशक से ज्यादा समय से मुख्यमंत्री हैं। आंकड़े दलितों की हालत को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को खुद बयां कर रहे हैं।' (भाषा)