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हैदराबाद गैंगरेप केस : 4 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, भीड़ ने किया थाने का घेराव

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शनिवार, 30 नवंबर 2019 (22:05 IST)
हैदराबाद। हैदराबाद के बाहरी इलाके में एक पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर गुस्साई भीड़ ने शनिवार को यहां थाने का घेराव किया। इसी शादनगर पुलिस थाने में आरोपियों को रखा गया था। भीड़ के उग्र रूप को देखते हुए थाने में ही कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी कर चारों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, वहीं एक स्थानीय बार एसोसिएशन ने इस मामले के आरोपियों को कोई कानूनी सहायता नहीं देने का संकल्प लिया है।

थाने के घेराव के दौरान भीड़ ने प्रदर्शन करते हुए दोषियों के खिलाफ नारेबाजी की। भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने आरोपियों को उन्हें सौंपने की मांग की। यही नहीं, जब आरोपियों को हैदराबाद स्थित एक जेल ले जाया जा रहा था तभी एक पुलिस वाहन पर पथराव किया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस को भीड़ को काबू करने के लिये हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन सुबह में शुरू हुआ और शाम तक चला। कुछ प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की। विभिन्न छात्र समूहों ने भी प्रदर्शन किए।

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी और कई अन्य नेताओं ने मृतका के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। दोनों ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार शीघ्र जांच और त्वरित मुकदमे के जरिये दोषियों को कठोर सजा दिलाएगी।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्याममला कुंदर घटना की जांच के लिए यहां आई हैं। उन्होंने जांच के बाद उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की, जो मृतका के परिवार की शिकायत पर समय पर कथित तौर पर हरकत में नहीं आए थे।

उन्होंने उस पुलिसकर्मी की गलती पाई, जिसने मृतका की बहन से कहा था कि मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। मृतका की बहन ने शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस से संपर्क किया था। आयोग से मृतका के परिवार के सदस्यों ने कहा कि हैदराबाद पुलिस ने बेशकीमती वक्त बर्बाद किया, जिसका उपयोग चिकित्सक की जान बचाने में किया जा सकता था।

इस बीच आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने नई दिल्ली में कहा कि आयोग की एक टीम मृतका के परिवार के पास गई, जिसने टीम को बताया कि पुलिस ने मामले में नकारात्मक भूमिका निभाई। परिवार के सदस्यों ने यह भी कहा कि यहां तक कि पुलिस ने आरोप लगाया कि वह (पशु चिकित्सक) किसी के साथ भाग गई है।

शर्मा ने पशु चिकित्सक पर राज्य के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली की टिप्पणी की भी निंदा की और कहा कि इस तरह के नेता ऐसे पद के हकदार नहीं हैं। अली ने यह कह कर विवाद छेड़ दिया था कि उसने (मृतका) फौरन पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया।

सरकारी अस्पताल में काम करने वाली पशु चिकित्सक से गुरुवार रात शहर के बाहरी इलाके में 4 लोगों ने बलात्कार किया था और उसकी हत्या कर दी थी। बाद में 25 वर्षीय इस महिला का झुलसा हुआ शव बरामद हुआ था। चार आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।

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