Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Weather Updates : खंडवा में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात, 177 छात्राओं को सुरक्षित निकाला

Weather Updates : खंडवा में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात, 177 छात्राओं को सुरक्षित निकाला
, मंगलवार, 30 जुलाई 2019 (00:38 IST)
खंडवा। पिछले 2 दिनों से मूसलधार बारिश के चलते मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के नदी-नाले आज सोमवार को उफान पर आ गए जिससे ग्रामीण अंचलों में बाढ़ से हालात बन गए। एक कन्या आदिवासी हॉस्टल के डूब में आने से 177 छात्राओं की जान सांसत में आ गई जिन्हें बड़ी मुश्किल से सुरक्षित निकाला गया।
 
जिला मुख्यालय पहुंचीं खबरों के अनुसार आशापुर में आज दिन में अग्नि नदी में आई बाढ़ ने खासी तबाही मचाई जिससे गांव के 50 से ज्यादा मकान आधे डूब गए और सड़कों से संपर्क टूट गया। आशापुर में मंदिर भी पानी में डूब गया।
 
इधर वन ग्राम सुंदरदेव में एक नाले के किनारे बने 5 झोपड़े बह गए, वहीं ग्राम बड़गांव में एक स्कूली छात्रा साइकल से नाला पार करते हुए बह गई। प्रशासन ने पूरे जिले को भारी बारिश के चलते हाईअलर्ट पर रखा है और मंगलवार को 1 दिन स्कूलों की छुट्टी भी घोषित की है। हालांकि शुक्रवार देर शाम बारिश का क्रम कुछ थमने से नदियों का जलस्तर तेजी से कम हुआ है और लोगों ने राहत महसूस की है।
webdunia
जिले में पिछले 2-3 दिनों की बारिश से ही जुलाई माह का कोटा पूरा हो गया है। नदी-तालाब अब लबालब हो गए हैं। आज खंडवा के हरसूद तहसील के कुछ गांवों में नदियों में भारी बाढ़ आने से हालात चिंताजनक हो गए। नदियों ने तटबंध तोड़कर गांवों में कई मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों को अपनी जान बचाने के लिए छतों पर शरण लेनी पड़ी।
 
कलेक्टर खंडवा तन्वी सुन्द्रियाल ने बताया कि आशापुर में बाढ़ के चलते जो लोग अपने घरों व मंदिरों में फंसे थे, उन्हें रेस्क्यू कर लिया है। यहां एक आदिवासी कन्या छात्रावास में पानी भरने से वहां मौजूद 177 कन्याओं के साथ ही वहां रहने वाले कर्मचारियों को भी रेस्क्यू किया गया। अब यहां पानी उतार पर है।
 
ग्राम सुंदरदेव में 5 झोपड़े बहने की सूचना मिली है, वहीं एक बच्ची के भी बहने की जानकारी मिली है। प्रशासन अलर्ट है और सभी जगह अधिकारी निगाह रखे हुए है। स्कूलों की कल छुट्टी घोषित की गई है। 
 
बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा खराब स्थिति आशापुर के आदिवासी कन्या छात्रावास में बनी, जो दो तरफ से नदियों से घिरा है। यहां देखते ही देखते पानी इस तेजी से बढ़ा कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिल पाया। यहां पानी ने सबसे पहले 6 फीट ऊंची पक्की बाउंड्रीवाल धराशायी की और तेजी से हॉस्टल में जा घुसा।
 
घबराई हुईं बच्चियों ने अपना सामान कमरों में ही छोड़ तुरंत छत पर जाकर अपनी जान बचाई। यहां आधी बिल्डिंग पानी में डूबी रही। छात्राओं का सारा सामान, कपड़े, कॉपी-किताब, उनके पेटियां सब कुछ बाढ़ में बह गए। करीब 3 घंटे तक हॉस्टल की छत पर बारिश में भीगते हुए छात्राएं मदद की गुहार करती रहीं। वे तब ही यहां से निकल सकीं, जब बाढ़ का पानी उतरने लगा।
 
आदिवासी हॉस्टल की छात्रा छाया चौहान ने बताया कि हमारे हॉस्टल में नदी का पानी भरने लगा था। हमारे कमरों में भी पानी आ गया। हम जान बचाकर छत पर भागे। पहली मंजिल डूब गई थी। लड़कियों का सामान, पेटियां और कपड़े सब कुछ बाढ़ में बह गया। हमें यहां के कर्मचारियों ने सुरक्षित बाहर निकाला।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

एयरबैग की खामी ठीक करने के लिए होंडा ने 5,088 कारें मंगाईं वापस