अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद स्थित अपने आवास पर आमरण अनशन पर बैठे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल ने गुरुवार को 6ठे दिन से जल का भी त्याग करने की चेतावनी दी है जबकि डॉक्टरों ने कहा है कि अगर वे जल्द ही तरल पदार्थ और पर्याप्त पोषण नहीं लेते तो उनके गुर्दें (किडनी) और दिमाग पर प्रतिकूल असर हो सकता है।
उधर किसानों की कर्जमाफी और पाटीदार आरक्षण के मुद्दे पर बाहर अनशन की सरकारी अनुमति नहीं मिलने के बाद यहां एसजी हाईवे के निकट स्थित अपने आवास पर गत 25 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे हार्दिक उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के एक मामले में यहां अदालत में पेश नहीं हो सके।
अगस्त 2015 में यहां जीएमडीसी मैदान में उनकी रैली के बाद हुई व्यापक हिंसा के मद्देनजर दर्ज इस मुकदमे में आरोप तय होने की कार्यवाही गुरुवार को भी उनकी अनुपस्थिति के चलते नहीं हो सकी। अदालत ने इस मामले में 14 सितंबर को उन्हें अदालत में पेश रहने को कहा है।
इस बीच उनके स्वास्थ्य की जांच करने वाले चिकित्सकों की टीम की अगुआ डॉ. नम्रता वडोदरिया ने कहा कि उनके रक्त में एसीटोन की मात्रा बढ़ रही है जिससे उनकी किडनी और दिमाग पर असर हो सकता है। उन्हें जल्द से जल्द पूरा पोषण मिलना चाहिए। अगर वे पानी लेना भी बंद करते हैं तो यह काफी नुकसानदायक हो सकता है।
हार्दिक के वजन में लगभग 4 किलोग्राम की गिरावट दर्ज की गई है। हार्दिक ने उनकी जांच रिपोर्ट में कथित गड़बड़ी को लेकर सरकारी चिकित्सकों की टीम को रक्त आदि के नमूने नहीं देने की चेतावनी भी दी है। उधर गुरुवार को उनसे आम आदमी पार्टी के विधायक देवेन्द्र शेरावत और कांग्रेस विधायक गयासुद्दीन शेख ने भी मुलाकात की।
उधर हार्दिक ने ट्वीट कर कहा है कि जनता की आवाज दबाई नहीं जा सकती। सत्ता के समक्ष जनता का विस्फोट होगा। उनके आवास पर आने वालों और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति में कथित तौर पर पुलिस की बाधा को लेकर गुजरात हाई कोर्ट में दायर एक अर्जी पर सुनवाई से जज न्यायमूर्ति आरपी धोलरिया ने इंकार कर दिया। अब यह मामला किसी अन्य जज की अदालत में सुना जाएगा। (वार्ता)