Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

त्रिपुरा में भीषण बाढ़, 12000 से ज्यादा बेघर

त्रिपुरा में भीषण बाढ़, 12000 से ज्यादा बेघर
अगरतला , मंगलवार, 20 जून 2017 (14:17 IST)
अगरतला। त्रिपुरा में पिछले 24 घंटों से जारी तेज बारिश के कारण नदियां पूरे उफान पर हैं और इसकी वजह से राजधानी अगरतला के 2500 लोगों समेत विभिन्न हिस्सों में 12 हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। 
 
राज्य की अधिकतर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और शहरी क्षेत्रों में हुई भीषण बारिश ने निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 तथा अन्य मार्गों पर यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई है।
 
एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में रूथखोला में बिजाय नदी में एक 65 वर्षीय महिला के बहने की सूचना मिली है। उसकी पहचान रेनूबाला साहा के रूप में की गई है। त्रिपुरा जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय आपदा संकट मोचन बल (एनडीआरएफ) और सिविल डिफेंस की टीमों को राहत एवं बचाव कार्यों में लगा दिया है।
 
राज्य में खोवाई, कमालपुर, कुमारघाट, कैलाशाहर, धर्मनगर और बिशालगढ़ की नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं जिसके कारण नदियों के निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सोमवार शाम को ही वहां से हटा दिया गया, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में जोरदार बारिश का पानी निचले क्षेत्रों में आने से स्थिति और विकराल हो गई है।
 
मौसम विभाग ने राज्य में पिछले 24 घंटों में 200 मिमी बारिश दर्ज की है तथा अगले 48 घंटों में तेज हवाओें के साथ जोरदार बारिश की संभावना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सोमवार रात बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और आपदा प्रबंधन तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने प्रशासन को प्रभावित लोगों तक हरसंभव सहायता पहुंचाने के निर्देश भी दिए।
    
सरकार ने कहा कि इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार के पास राहत कार्यों और धन की कोई कमी नहीं है और मुख्य सचिव संजीव रंजन को व्यक्तिगत रूप से बाढ़ कार्यों पर नजर रखने को कहा गया है। इसके अलावा सभी जिलाधिकारियों को जिला एवं उप जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा गया है ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में कोई भी व्यक्ति तुरंत संपर्क कर सके। (वार्ता)
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

यहां भी सबसे पहले शिव की पूजा करते हैं अश्वत्थामा...