Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

J&k : फिर नजर आए फिदायीन ड्रोन, सैनिक ठिकानों को ड्रोन हमलों से बचाने एंटी ड्रोन गनों समेत कमांडो तैनात

J&k : फिर नजर आए फिदायीन ड्रोन, सैनिक ठिकानों को ड्रोन हमलों से बचाने एंटी ड्रोन गनों समेत कमांडो तैनात
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 29 जून 2021 (10:32 IST)
जम्मू। जम्मू में सैनिक प्रतिष्ठानों को उड़ाने आज भी फिदायीन ड्रोन देखे गए हैं। करीब तीन स्थानों पर ये नजर आए थे और एक स्थान पर इन पर गोलियां भी बरसाईं गईं पर वापस लौटने या हवा में गुम होने में कामयाब रहे। इस बीच सेना ने जम्मू में इन फिदायीन ड्रोन से अपने सैनिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की खातिर एंटी ड्रोन गनों समेत कमांडो को तैनात किया है।

 
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू पठानकोट हाईवे पर स्थित सेना के सुंजवां, कालूचक, और कुंजवानी इलाकों में स्थित बिग्रेड तथा बटालियन हेडर्क्वाटरों पर रात को 2 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक कई स्थानों पर इन ड्रोनों को देखा गया। एक स्थान पर इन पर गोलियां भी बरसाई गईं क्योंकि यह बहुत नीचे उड़ रहा था जबकि अन्य स्थानों पर यह बहुंत की ऊंचाई पर थे। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 36 घंटों में करीब दर्जनभर स्थानों पर ड्रोनों द्वारा फिदायीन हमले करने की कोशिशों के मद्देनजर हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है तथा सुरक्षाबलों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी उड़ती हुई संदिग्ध वस्तु को उड़ा दें।

 
यही कारण है कि लगातार तीन दिनों से ड्रोन हमलों के चलते सैन्य प्रतिष्ठानों में एंटी ड्रोन गन सहित कमांडो तैनात किए गए हैं। खतरे को देखते हुए किसी भी जगह ड्रोन उड़ता देख जवाबी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा सभी सेना मुख्यालयों, यूनिटों, कैंपों में जवानों को अलर्ट किया गया है।

 
वायुसेना स्टेशन में भी एंटी ड्रोन गन वाले एनएसजी कमांडो तैनात किए गए हैं। हालांकि सेना के प्रवक्ता ने कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, लेकिन सभी कैंप अलर्ट पर जरूर रखे गए हैं। दो दिन से लगातार दो ड्रोन वारदातों से सुरक्षा को खतरा तो है ही और यह एक बड़ी चुनौती भी है। लिहाजा सेना पूरी तरह से अलर्ट है और हरसंभव कोशिश की जा रही है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

अनिल देशमुख पर गिरफ्‍तारी की तलवार! आज ED के सामने होंगे पेश, मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला