70 साल बाद 17 सितंबर को नामीबिया से भारत भूमि पर लाए गए जिन 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों में छोड़ा था, उसमें से एक मादा चीता, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने 'आशा' नाम दिया था, उसको लेकर कूनो नेशनल पार्क से खुशखबरी आई है। 'आशा' में गर्भवती के लक्षण दिखाई दिए हैं यानी वह जल्द ही बच्चों को जन्म दे सकती है।
खबरों के अनुसार, नामीबिया से लाए गए चीतों को लेकर यह निश्चित तौर पर देश में चीतों की आबादी बढ़ाने की दिशा में आशा जगाने वाली खबर है, हालांकि जो दावा किया जा रहा है उसकी पुष्टि के लिए कुछ सप्ताह का इंतजार करना होगा। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की निगरानी कर रहे अधिकारियों के अनुसार, जिस मादा चीते का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आशा' रखा था, वह अप्रत्याशित व्यवहार कर रही है।
नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीतों में 3 नर और 5 मादा चीता शामिल थीं। फिलहाल क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़े गए इन चीतों के खानपान, व्यवहार और स्वास्थ्य को लेकर कड़ी निगरानी की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, मादा चीता 'आशा' यदि गर्भवती है तो उसके पिंजरे में बच्चों को रखने के लिए मांद बनानी होगी।
चीतों के गर्भधारण की पुष्टि के लिए 55 दिन का इंतजार आमतौर पर करना पड़ता है। प्रोजेक्ट चीता के तहत यह सबसे बड़ी चुनौती होगी। 6 से 8 हफ्ते तक मांद को छिपाकर रखा जाता है और इस वजह से मां चीता एक से दूसरी मांद तक भटकती रहती है। जन्म के समय चीतों के बच्चे देख नहीं सकते और लाचार होते हैं।
कूनो नेशनल पार्क में चीतों को 5 किलोमीटर दायरे में बने जिन बाड़ों में रखा गया है, उसमें सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही जगह-जगह वॉच टॉवर बनाए गए हैं, जिससे चीतों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही बाड़ों की विशेष प्रकार की फेंसिंग की गई है।
Edited by Chetan Gour