नई दिल्ली। गो फर्स्ट के दिल्ली से गुवाहाटी जा रहे विमान की 'विंडशील्ड' में बीच रास्ते में दरार आने के बाद उड़ान का मार्ग बदलकर उसे जयपुर ले जाया गया।2 दिनों में गो फर्स्ट के विमानों में तकनीकी गड़बड़ी की यह तीसरी घटना है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह विमान ए-320 नियो मॉडल है और गत दो दिनों में गो फर्स्ट के विमानों में तकनीकी गड़बड़ी की यह तीसरी घटना है। उन्होंने बताया कि डीजीसीए तीनों घटनाओं की जांच कर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि पायलटों ने विमान के विंडशील्ड में जब दरार देखी तो वे दिल्ली लौटना चाहते थे, लेकिन बुधवार दोपहर को भारी बारिश की वजह से ऐसा नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि इसके बाद ए-320नियो विमान को जयपुर मोड़ा गया।
इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए विमानन कंपनी से संपर्क किया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भी गो फर्स्ट की मुंबई-लेह और श्रीनगर-दिल्ली उड़ान के दौरान विमानों के इंजन में गड़बड़ी पाई गई थी तथा डीजीसीए ने दोनों विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की घटना में संलिप्त दो विमानों को डीजीसीए की अनापत्ति के बाद ही दोबारा उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी। गो फर्स्ट की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी के बेड़े में 57 विमान हैं।गौरतलब है कि गत एक महीने में भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों में तकनीकी खामी आने की कई घटनाएं हुई हैं।
इसके मद्देनजर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार और मंगलवार के बीच लगातार विमानन कंपनियों, उनके मंत्रालय के अधिकारियों और डीजीसीए के साथ कई दौर की बैठकें की हैं।
डीजीसीए ने सोमवार को कहा कि उसने सोमवार को मौके का निरीक्षण किया और पाया कि उड़ान भरने से पहले विमानों को सत्यापित करने वाले इंजीनियरिंग कर्मियों की संख्या अपर्याप्त है।
विमान के उड़ान भरने से पहले एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (एएमई) द्वारा उसकी जांच और सत्यापित किया जाना होता है। डीजीसीए ने अब विमानन कंपनियों के लिए दिशा निर्देश जारी कर अर्हता प्राप्त एएमई को तैनात करने और 28 जुलाई तक निर्देशों का अनुपालन करने को कहा है।(भाषा)