नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी की शहर की इकाई के अध्यक्ष आदेश कुमार के खिलाफ हंगामे के बीच सोमवार को निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने हंगामे के बीच भाजपा के तीन विधायकों अनिल बाजपेई, जितेंद्र महाजन और अजय महावर को कुछ देर के लिए निलंबित कर दिया। तीनों विधायक अपने स्थानों पर खड़े हो गए थे, जिसके बाद अध्यक्ष ने उनसे बैठने का अनुरोध किया।
वे नहीं माने और फिर अध्यक्ष ने उन्हें सदन से बाहर जाने को कह दिया। इसके बाद, एक बार फिर सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की गई। इससे पहले सुबह भी कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित किया गया था।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक आसन के पास आ गए थे और केजरीवाल के खिलाफ भाजपा के नेता की टिप्पणी के विरोध में नारेबाजी करने लगे थे। आप के विधायक मोहिंदर गोयल ने मांग की कि गुप्ता अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगें। उन्होंने गुप्ता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव की मांग भी की।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। विपक्ष के नेता को माफी मांगनी चाहिए।
सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर अध्यक्ष ने गोयल द्वारा पेश निंदा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और उसे ध्वनिमत से पारित किया गया। गोयल ने कहा, हम अच्छे लोग हैं, हमारे स्वयंसेवक शरीफ हैं। अन्यथा ऐसी टिप्पणी सिर कलम करने लायक है। उन्होंने गुप्ता को चुनौती दी कि वे ऐसी टिप्पणी भाजपा शासित राज्यों के किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ करें।
सदन में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी ने कहा, अगर किसी ने भी किसी आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया है, तो मैं उसकी निंदा करता हूं। अगर आदेश गुप्ता के खिलाफ लगे आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई होगी, तो मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर माफी मांगूंगा। लेकिन अगर भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष ने हमारी पार्टी के किसी नेता की निंदा की होगी, तो मोहिंदर गोयल को सदन में माफी मांगनी होगी।
अध्यक्ष ने बिधूड़ी को बाद में टिप्पणी का वीडियो दिखाने के लिए कहा और निलंबित भाजपा विधायकों को सदन की कार्यवाही में फिर से शामिल होने की अनुमति दी।(भाषा)