लखनऊ। उत्तरप्रदेश में पशुपालन विभाग में हुई भर्ती घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है। यह भर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुई थी और जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भर्ती पर जांच बैठाते हुए एसआईटी गठित की थी। एसआईटी की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए आज उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले में पशुपालन विभाग के डायरेक्टर समेत 6 बड़े अफसर को सस्पेंड किया गया है। और आगे भी बड़ी कार्रवाई होने की आशंका जताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी ने भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा है कि प्रदेश में 2012-13 में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती परीक्षा हुई थी।
कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए भर्ती में बड़े तौर पर गड़बड़ी की गई जबकि लिखित परीक्षा के साथ अफसरों ने 20 नंबर का इंटरव्यू नियम विरुद्ध रख दिया था। इसके बाद लिखित परीक्षा 100 नंबर की बजाय 80 नंबर कर दी थी।
अफसरों द्वारा अपने खास अभ्यर्थियों को पास करने के लिए इसमें इंटरव्यू का खेल किया गया। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कई और अन्य बातों का भी खुलासा किया है।
एसआईटी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद उत्तरप्रदेश सरकार मुखिया योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन विभाग के निदेशक चरणसिंह यादव, अपर निदेशक अशोक कुमार सिंह, बस्ती के अपर निदेशक जीसी द्विवेदी, लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डॉक्टर हरिपाल, बरेली मंडल के अपर निदेशक एपी सिंह और अयोध्या अपर निदेशक अनूप श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है।
भर्ती घोटाले में कार्रवाई करने के तुरंत बाद ट्विटर के माध्यम से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कानूनी कार्रवाई द्वारा समाजवादी सरकार के पाप के पचड़े को साफ करने के लिए सफाई अभियान चल रहा है, जो भी हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कुत्सित चेष्टा करेगा, जो भी दोषी होगा, कितना ही बड़ा क्यों न हो इन सबकी जगह जेल होगी। पूरे प्रदेश की जनता को मैं आश्वस्त करता हूं।