Chief Minister Pushkar Singh Dhami released the book of former DGP : एक पुलिस अधिकारी की चुनौतीपूर्ण भूमिका को निभाते हुए जीवन और कार्य क्षेत्र में आने वाले उतार-चढ़ाव के बीच किस प्रकार संतुलन कायम किया जाए, खाकी में स्थितप्रज्ञ किताब इसी विषय को केंद्र में रखकर लिखी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी की इस पुस्तक का विमोचन किया।
यहां शनिवार को एक समारोह में उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी की इस पुस्तक का विमोचन करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि रतूड़ी के सेवाकाल के दौरान के उनके ये संस्मरण और अनुभव सामान्य पाठकों के साथ ही पुलिस सेवा में आ रहे नए लोगों को निर्णय लेने में भी मदद करेंगे।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि लेखक ने अपने जीवन की प्रेरणादायी यात्रा से इस मिथक को तोड़ दिया है कि वर्दी पहनने वाला व्यक्ति स्थितप्रज्ञ नहीं हो सकता और स्थितप्रज्ञ व्यक्ति वर्दी नहीं पहन सकता। पुस्तक के लेखक रतूड़ी ने कहा कि इस पुस्तक में उन्होंने अपने साढ़े तीन दशक के अनुभवों को रखने का प्रयास किया है।
पुस्तक में बताया गया है कि चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिकारी कैसे धैर्य के साथ अपने कार्यपथ पर आगे बढ़ें और कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कैसे अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें। रतूड़ी की यह दूसरी पुस्तक है। लेखन के क्षेत्र में उनकी पहली कृति 'भंवर : एक प्रेमकहानी' थी।
रतूड़ी की पुस्तक की प्रस्तावना लिखने वाली उनकी पत्नी और वर्तमान में प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उनके पति ने इस धारणा को गलत सिद्ध कर दिया कि स्थितप्रज्ञ होकर व्यवहारिक नहीं रहा जा सकता। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour