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बिहार विधानसभा में 2.18 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास पर जोर

बिहार विधानसभा में 2.18 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास पर जोर
, सोमवार, 22 फ़रवरी 2021 (22:40 IST)
पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2.18 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें कोई नया कर प्रस्तावित नहीं है। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया गया है।

बिहार विधानसभा में भोजनावकाश के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2,18,302.70 करोड़ रुपए का राज्य का बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह बजट राज्य में खुशहाली लाएगा।

उन्होंने कहा, यह बजट मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के बजट से 6541.21 करोड़ रुपए अधिक है और इसमें 2021-22 में राजस्व अधिशेष 9195.90 करोड़ रुपए अनुमानित है। तारकिशोर ने कहा कि 2021-22 के बजट में सर्वाधिक प्रावधान 38035.93 करोड़ रुपए शिक्षा क्षेत्र के लिए किया गया है। इसके बाद ग्रामीण विकास के लिए 16,835.67 करोड़ रुपए, सड़क के लिए 15,227.74 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य के लिए 13,264.87 करोड़ रुपए और ऊर्जा क्षेत्र के लिए 8560.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस बजट में सात निश्चय-2 के तहत सात लक्ष्य (युवा शक्ति, बिहार की प्रगति, सशक्त महिला- सक्षम महिला, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, सुलभ सम्पर्कता तथा सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा) के लिए 4671.00 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि अपने पिछले शासनकाल के दौरान नीतीश सरकार ने अपने पहले सात निश्चय कार्यक्रम (आर्थिक हल, युवाओं को बल, आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार, हर घर बिजली, हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली, नालियां, शौचालय निर्माण-घर का सम्मान तथा अवसर बढ़े, आगे पढ़े) को लागू किया था।
 
तारकिशोर ने कहा कि कौशल एवं उद्यमिता के विकास के लिए अब एक अलग विभाग कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग का गठन किया जाएगा, जिसमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों आईटीआई और पोलीटेक्निक संस्थानों को समाहित किया जाएगा।

बजट दस्तावेज में कहा गया है कि 2012-13 को छोड़कर, राज्य का बजट 2008-09 से राजस्व अधिशेष वाला रहा है और इस वर्ष बजट का आकार 2004-05 (वर्ष 2005 जब नीतीश सरकार पहली बार सत्ता में आई थी) के 23,885 करोड़ रुपए से नौ गुना बढ़ा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारकिशोर द्वारा पेश बजट को संतुलित बताते हुए कहा कि यह सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि बिहार जिसने 2004-05 के बाद से द्वीअंकीय विकास दर देखा है, यह बजट राज्य में विकास को और गति देगा।

सदन में बजट पेश करने के बाद तारकिशोर ने कहा कि बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार लोगों को कुछ राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने पर विचार करेगी, तारकिशोर ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार किया।

यह पूछे जाने पर कि पेट्रोलियम उत्पादों को भी क्या जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि न प्रस्ताव लाए और न ही इस पर कोई चर्चा कर रहे हैं। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस बजट में कही गई बातों को घोषणा मात्र और जनता का मज़ाक उड़ाने वाला झूठ का पुलिंदा बताते हुए आरोप लगाया कि 20 लाख रोजगार सृजन का झूठा ढोल सत्तारूढ़ दलों ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में खूब बजाया।

अब जब किसी तरह सत्ता में बैठ गए हैं तो सरकार 20 लाख रोजगार सृजन का ब्लूप्रिंट बिहार की जनता के सामने रखे। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 5 बजट से मुख्यमंत्री लगातार एक खेल स्टेडियम बनवाने की घोषणा कर रहे हैं, पर खेल स्टेडियम है कि घोषणा से बाहर आता ही नहीं है।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का अपने पहले सात निश्चय कार्यक्रम तो पूरा हो नहीं पाया और यह भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है तथा इसे पूरा किए बिना अब सात निश्चय-2 की बात करके लोगों को भ्रमित करने में लगे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बजट में ना बंद पड़े चीनी मिलों, ना ही खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और न ही नई औधोगिक इकाई स्थापित करने का कोई ज़िक्र है।(भाषा)

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