बेंगलुरु। बेंगलुरु में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के 6 सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है, जिन्होंने 22 दिसंबर को सीएए के समर्थन में एक रैली में भाग लेने वाले एक आरएसएस कार्यकर्ता की कथित तौर पर हत्या का प्रयास किया था। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने कहा कि गिरफ्तार लोगों की पहचान इरफान, सैयद अकबर, सैयद सिद्दीकी, अकबर बाशा, सनाउल्ला और सादिक अमीन उर्फ साउंड अमीन के तौर पर की गई। ये सभी शहर के केजी हल्ली इलाके के रहने वाले हैं। पिछले महीने हुई सीएए समर्थन रैली में प्रमुख वक्ताओं में बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और दक्षिणपंथी नेता चक्रवर्ती सुलीबेले शामिल थे।
राव के मुताबिक, एसडीपीआई के सदस्य चोरी की 3 मोटरसाइकलों पर रैली स्थल पहुंचे। उन्होंने शुरू में भीड़ में घुसने का प्रयास किया लेकिन भारी पुलिसबल की मौजूदगी के कारण ऐसा नहीं कर सके। आयुक्त ने कहा कि वे पत्थर फेंककर दहशत पैदा करना चाहते थे, ताकि लोग वहां से भागने लगें और उनके लिए अपने काम को अंजाम देना आसान हो जाए।
हालांकि पत्थर निशाने पर नहीं लगे। तब उन्होंने रैली में आए लोगों को पानी दे रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता वरुण पर अपना ध्यान लगा दिया। जब वरुण अपने घर लौट रहा था तो एसडीपीआई सदस्यों ने उस पर हमला कर दिया।
आयुक्त के मुताबिक समय पर इलाज मिलने से वरुण की जान बच गई। राव ने बताया, वे सभी एसडीपीआई से हैं और 22 दिसंबर को बेंगलुरु शहर में तबाही मचाने के लिए कायरतापूर्ण कृत्य करना चाहते थे। पुलिस आयुक्त ने बताया कि उन्हें उनके आका इस तरह के कामों को अंजाम देने के लिए 10,000 रुपए प्रति महीना देते थे। मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंपी गई है।
राव ने कहा कि एक विशेष जांच दल भी बनाया जाएगा ताकि ऐसे लोग भविष्य में उपद्रव नहीं मचा सकें। उन्होंने कहा, हम किसी को छोड़ने वाले नहीं हैं, चाहे उनके आका जो भी हों। चाहे वो देश के अंदर हों या बाहर हों। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों के अंदर कट्टरपंथी सोच भरी गई और उनका काम अन्य कैडर की भर्ती करना, उन्हें प्रशिक्षण देना तथा कट्टर सोच भरना था ताकि वे शहर में तबाही फैलाने के लिए जानेमाने लोगों की हत्या कर सकें।
इस घटना के बाद एक विशेष दल का गठन किया गया जिसने 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की। पुलिस ने इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज कर लिए हैं। इस मामले में सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, एसडीपीआई एक संगठन है, जिसे अभी तक प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
एसडीपीआई ताकतवर हो गया है क्योंकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसके सदस्यों के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे। उन्होंने 6 एसडीपीआई सदस्यों की गिरफ्तारी को ऊंट के मुंह में जीरे की तरह बताया और कहा कि वह एसडीपीआई की गतिविधियों की जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंचाएंगे।