Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

क्या आपको प्रधानमंत्री पर शर्म आती है? केरल हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा...

क्या आपको प्रधानमंत्री पर शर्म आती है? केरल हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा...
, सोमवार, 13 दिसंबर 2021 (21:26 IST)
कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने कोरोनावायरस (Coronavirus) टीकाकरण प्रमाणपत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने के लिए दाययर याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री पर शर्म आती है?
 
न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश की जनता ने चुना है और इसलिए टीकाकरण प्रमाणपत्र पर उनकी तस्वीर लगाने में क्या गलत है। जब याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि अन्य देशों में ऐसी कोई परंपरा नहीं है, तो न्यायाधीश ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, 'उन्हें भले ही अपने प्रधानमंत्री पर गर्व न हो, हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है।'
 
अदालत ने कहा कि आपको (याचिकाकर्ता) प्रधानमंत्री पर शर्म क्यों आती है? वह लोगों के जनादेश से सत्ता में आए हैं... हमारे अलग-अलग राजनीतिक विचार हो सकते हैं, लेकिन वह हमारे प्रधानमंत्री हैं।
 
याचिकाकर्ता पीटर म्यालीपरम्पिल के वकील ने कहा कि प्रमाण पत्र एक 'निजी स्थान' है, जिसमें व्यक्तिगत विवरण दर्ज होता है, लिहाजा किसी व्यक्ति की गोपनीयता में दखल देना अनुचित है। उन्होंने दलील दी कि प्रमाणपत्र में प्रधानमंत्री की तस्वीर जोड़ना किसी व्यक्ति के निजी स्थान में घुसपैठ है।
 
इस पर अदालत ने कहा कि देश के 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर होने से कोई दिक्कत होती नहीं दिखती तो 'आपको क्या परेशानी है?'
 
अदालत ने कहा कि वह इस बात की जांच करेगी कि क्या याचिका में कोई दम है और अगर नहीं है तो वह मामले का निपटारा कर देगी। एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अजीत जॉय ने कहा कि अपने प्रधानमंत्री पर गर्व करना या न करना किसी की निजी इच्छा पर निर्भर करता है।
 
जॉय ने अदालत को यह भी बताया कि यह राजनीतिक मतभेदों का मामला नहीं है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने जनता के पैसे का इस्तेमाल करने वाले विज्ञापनों और अभियानों के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित कर रखे हैं।
 
उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्रों पर तस्वीर होने से मतदाताओं के मन पर भी प्रभाव पड़ता है और यह मुद्दा हाल के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान उठाया गया था। केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह चर्चा में आने के लिए दाखिल की गई याचिका है।
 
बुजुर्ग याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दलील दी है कि उनके टीकाकरण प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

बड़ा झटका, अक्टूबर की तुलना में नवंबर में बढ़ी खुदरा महंगाई