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राजनेता अध्यात्म से जुड़ें और राजनीति में ईमानदारी से काम करें : अनिरुद्धाचार्य महाराज

राजनेता अध्यात्म से जुड़ें और राजनीति में ईमानदारी से काम करें : अनिरुद्धाचार्य महाराज

हिमा अग्रवाल

मेरठ , सोमवार, 10 जुलाई 2023 (21:45 IST)
मेरठ। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य मेरठ में जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। आचार्य जी का पहली बार शपथ ग्रहण कार्यक्रम और नेताओं के बीच पहुंचना चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि संत और महात्माओं से मिलने बड़े-बड़े नेता खुद जाते हैं, लेकिन एक सरकारी ऑफिस के कार्यक्रम में नेताओं के बीच पहुंचने पर लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिए कि आचार्य जी राजनीति में एंट्री का मन बना रहे हैं।

हालांकि अनिरुद्ध जी ने कहा कि वे यहां बुलाने पर आए हैं और मंच से राजनेताओं को आध्यात्मिक ज्ञान की शिक्षा दी है। उन्होंने कहा कि देश के विकास का रास्ता ईमानदार राजनीति से निकलता है, अगर किसी नेता या मंत्री को जो पद मिला है, उस पर वह ईमानदारी से काम करेगा तो देश में विकास होगा। इसलिए राजनेता को अध्यात्म और सच्चाई का रास्ता चुनते हुए देश को तरक्की की राह पर ले जाना होगा।

विगत पांच दिनों से अनिरुद्धाचार्य जी मेरठ के भैंसाली ग्राउंड श्रीमद्भागवत कथा सुना रहे है, वहीं तेज बारिश और बरसाती पानी के बीच बैठकर उनके अनुयायी प्रवचन का श्रवण कर रहे हैं। आज सोमवार को वे वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित जिला सहकारी बैंक लिमिटेड में आयोजित अध्यक्ष/संचालकगणों का शपथ ग्रहण समारोह था।

इस शपथ ग्रहण समारोह में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य को देखकर वहां मौजूद लोग आपस में चर्चा करने लगे कि क्या वे राजनीति में एंट्री करने वाले हैं। इस कार्यक्रम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक अमित अग्रवाल जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष/कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष/ विमल शर्मा के साथ शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे।

मीडिया ने जब उनसे पूछा कि लोग आपको यहां देखकर आपके राजनीति में आने की अटकलें लगा रहे हैं, तो संत अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि मै यहां बुलावे पर आया हूं। उन्होंने अपने उद्बोधन में भाजपा नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि भष्ट्राचार से दूर रहें, करोड़ों की घूस लेने से अच्छा नमक की रोटी खाना है। बेइमानी से करोड़ रुपए कमाए जा सकते हैं, लेकिन बेइमानी से कमाया धन पाप के रूप में हमारी पीढ़ियों को भोगना पड़ेगा।

संत अनिरुद्ध जी ने इशारों में भाजपा नेताओं को चाणक्य और चंद्रगुप्त का प्रसंग सुनाते हुए संदेश दिया कि सरकारी पैसे का इस्तेमाल पर्सनल काम के लिए नहीं करें, सरकारी पैसा जनता के लिए योजनाओं के लिए है।
Edited By : Chetan Gour

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