मेरठ। उत्तरप्रदेश के मेरठ मंडल से सटे शामली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला को उपचार तो मिल गया, लेकिन घर से अस्पताल जाने और आने के लिए उन्हें एम्बुलेंस की सुविधा मुहैया नहीं कराई। जिसके चलते परिजन मरीज को ठेले से अस्पताल लेकर पहुंचे।
यहां मिली जानकारी के अनुसार शामली के मोहल्ला पंसारियां निवासी बॉबी की पत्नी अंजू (36) को पिछले कुछ समय पहले पैरालाइसिस हो गया था। बॉबी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि शुक्रवार को पत्नी की हालत खराब होने पर वह उसे ठेले में चारपाई समेत लेकर अस्पताल पहुंचा। वहां चिकित्सकों ने उसकी जांच की तो पता चला कि चारपाई पर लेटे हुए उसकी कमर में घाव हो गए थे जिससे उसे पीड़ा हो रही थी।
चिकित्सकों ने उसका उपचार किया और दवा देकर भेज दिया। इस दौरान अस्पताल की तरफ से उसे एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई जिसके कारण उसे पत्नी को ठेले में ही लेकर अस्पताल से जाना पड़ा।
दूसरी ओर अस्पताल के के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर रमेश चंद्रा ने एम्बुलेंस नही मिलने की बात से इंकार किया है। उनका कहना है कि महिला मरीज को चारपाई पर लेटे रहने के कारण कमर में घाव बन गए थे। महिला का उपचार कर दवा दी गई और उसे करवट बदलते रहने की सलाह दी गई। मरीज को रेफर करने से परिजनों ने मना कर दिया।
चंद्रा ने कहा कि परिजनों की तरफ से एम्बुलेंस नहीं मांगी गई। अगर परिजन कहते तो उन्हें तत्काल एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती। मामला मीडिया में पहुंचने के बाद इस प्रकरण की जांच के लिए शनिवार को एसीएमओ डॉक्टर केपी सिंह और एसडीएम सदर अस्पताल पहुंचे और ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों के बयान लिए।
एसीएमओ का कहना है की पीड़ित पक्ष ने बताया है कि उन्होंने एम्बुलेंस को कॉल नहीं की थी, वे खुद ही ठेले में मरीज को लेकर गए थे। (भाषा)