मुरादाबाद में ईद के मौके पर 100 लड़कों से गले मिलकर बधाई देना अलीशा मलिक को खासा महंगा पड़ गया। उन पर परिवार और धर्म का मजाक बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। यहां तक की उसका घर से निकलना भी दुश्वार हो गया है।
इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए अलीशा ने कहा कि मेरा कोई गलत इरादा नहीं था। अलीशा ने दावा किया कि उसका मकसद तो लोगों की रूढिवादी को सोच को बदलने का था, लेकिन सोशल मीडिया पर अधूरा वीडियो दिखाकर उसके काम का मकसद ही बदल दिया गया।
अलीशा ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है वह अधूरा है। मैं केवल लड़कों से गले नहीं मिली। बल्कि, महिलाओं और बच्चों को भी गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी थी। इसको लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है उससे मेरा मन व्यथित है। ऐसा करने के पीछे मेरा मकसद कोई पब्लिसिटी पाना नहीं था, बल्कि यह जताना था कि महिला और पुरुष में कोई भेद नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इस वीडियो के माध्यम से अलीशा सोशल मीडिया पर अचानक सुर्खियों में आ गई थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लाखों लोग ईद पर लड़कों से गले मिलते अलीशा के इस वीडियो को देख चुके हैं और अब भी इसे लगातार शेयर किया जा रहा है।