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योगी का उत्तराखंड से पलायन न होता तो उप्र के लोगों के 5 साल खराब न होते : अखिलेश यादव

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गुरुवार, 11 नवंबर 2021 (17:05 IST)
मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राज्य के लोगों से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर मुख्यमंत्री का उत्तराखंड से पलायन न हुआ होता तो राज्य के लोगों का 5 साल का वक्त बर्बाद न हुआ होता।

यादव ने गुरुवार को यहां कश्यप समाज के सम्मेलन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, कल योगी जी यहां आकर लोगों के पलायन का मुद्दा उठा रहे थे लेकिन सच तो यह है कि अगर मुख्यमंत्री का उत्तराखंड से पलायन न हुआ होता तो आपके पांच साल खराब नहीं होते।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को योगी ने कैराना से कुछ हिंदू परिवारों के पलायन के लिए पूर्ववर्ती सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। किसान आंदोलन के बारे में अखिलेश ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को जब तक वापस नहीं लिया जाएगा तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, इन तीनों काले कानूनों से हमारे किसानों का कभी भला नहीं हो सकता है। इसलिए अब किसान ही इंकलाब कर सत्ता बदलने का काम करेंगे। किसानों की आय को दोगुना करने के भाजपा सरकार का वादा झूठा साबित होने का दावा करते हुए अखिलेश ने कहा, किसान भाइयों अब आप ही बताओ कि पांच साल में आपकी आय बढ़ी या कम हुई? सच यह है कि आय नहीं बढ़ी बल्कि महंगाई बढ़ गई। इसलिए अब बदलाव होना तय है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तंज कसते हुए कहा कि हवाई चप्पल वालों को हवाई यात्रा कराने का वादा किया था लेकिन पेट्रोल इतना महंगा हो गया कि मोटरसाइकल में पेट्रोल भरवाना मुश्किल हो गया है। रोजगार के वादे पर भी योगी सरकार को घेरते हुए अखिलेश ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार बनने पर 70 लाख नौकरी देने का वादा किया था लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिली। उन्‍होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रोजगार तो बहुत है लेकिन नौजवानों में ‘टेलेंट’ (हुनर) नहीं है।

उन्होंने जनसमूह से पूछा कि अब आप ही तय करो कि कैसी सरकार चाहिए। राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा, बाबा (योगी) कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था अच्छी हो गई है लेकिन गोरखपुर और कानपुर में पुलिस ने कारोबारियों के साथ ऐसा बर्ताव किया कि उनकी जान ही चली गई। ये महज दो घटनाएं नहीं हैं बल्कि ऐसी अनेकों घटनाएं हम बता सकते हैं। इसके लिए सिर्फ भाजपा की सरकार दोषी है।

उन्होंने कहा कि हिरासत में मौत के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल है। यहां पुलिस कभी भी किसी को भी मार देती है। इसलिए विकास के नाम पर सिर्फ रंग और नाम बदलने वाली ‘ठोको नीति’ की सरकार को बदलना जरूरी है।(वार्ता) 

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