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ईवीएम नहीं, बैलेट पेपर से होना चाहिए मतदान - अखिलेश यादव

ईवीएम नहीं, बैलेट पेपर से होना चाहिए मतदान - अखिलेश यादव

अवनीश कुमार

लखनऊ , गुरुवार, 22 मार्च 2018 (09:09 IST)
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी ने कहा ‍कि ईवीएम पर जनता को विश्वास नहीं रह गया है इसलिए बैलेट पेपर से मतदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीनों में चुनावों के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि गोरखपुर के संसदीय उपचुनाव में तो 127 ईवीएम में खराबी मिली। तीन-तीन घंटा मतदान रूका रहा। अगर बैलेट पेपर से चुनाव होता तो भाजपा और ज्यादा वोट से हार जाती। चुनाव निष्पक्ष हों इसके लिए मतदान ईवीएम से नहीं, बैलेट से ही होना चाहिए।
 
पूर्व मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने जमकर भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा मनमानी पर उतारू है। यदि भाजपा में जरा भी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह होती तो वह राज्यसभा के लिए 9वां प्रत्याशी नहीं उतारती। लगता है कि भाजपा को कदाचार से कोई परहेज नहीं है। विगत एक वर्ष में भाजपा ने जनहित में कोई काम नहीं किया है सिर्फ जनता को धोखा दिया है।
 
अखिलेश ने कहा कि एक तरफ सरकार का यह दावा कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी हो जायेगी वहीं किसानों की आत्महत्या एवं उनका उत्पीड़न रूक नहीं रहा है। चालू वर्ष में ही महोबा में कर्ज में डूबे 27 किसानों ने अपनी जान दे दी। भाजपा सरकारों के पास तो किसान परिवारों के बेरोजगार नौजवानों की बेकारी दूर करने का प्रारूप तक नहीं है। भाजपा सरकार पूरी तरह अविश्वसनीय है। भाजपा संवेदनशून्य और निर्मम है। बेरोजगार नौजवान अवसाद में आत्महत्या कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के गृह राज्यमंत्री की स्वीकारोक्ति है कि सन् 2014 से सन् 2018 के बीच 26 हजार 500 बेरोजगार नौजवान आत्महत्या कर चुके हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां करोड़ों नौजवान बेकारी के शिकार हों और सरकारों के पास रोजगार उपलब्ध कराने की कोई नीति और नीयत भी नहीं है। राज्य की कानून व्यवस्था चैपट है। रोजाना हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं होती हैं। बच्चियों तक से दुष्कर्म की वारदातें शर्मनाक हैं।
 
अखिलेश ने कहा ‍कि अपराध नियंत्रण का भाजपा सरकार का दावा वास्तविकता से परे है। इससे जनता में भारी आक्रोश है। जन आक्रोश का एक परिणाम गोरखपुर-फूलपुर के उपचुनावों में भाजपा की पराजय में मिला है। अब जनता को बेसब्री से सन् 2019 का इंतजार है।
 

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