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उप्र सरकार ने कहा- वैध बूचड़खानों पर कोई कार्रवाई नहीं

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सोमवार, 27 मार्च 2017 (12:00 IST)
लखनऊ। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि सिर्फ अवैध बूचड़खानों पर ही कार्रवाई की जा रही है, वैध बूचड़खानों पर कोई कार्रवाई कर ही नहीं सकता। 
 
वैध बूचड़खानों पर कार्रवाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। वैध बूचड़खानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है, सिर्फ अवैध बूचड़खानों को ही बंद करने को कहा गया है। उन्होंने साफ किया कि मुर्गा या अंडा बेचने वालों को दुकानों को बंद करने के आदेश नहीं हैं। 
 
अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई को लेकर यूपी में मीट विक्रेता बेमियादी हड़ताल पर हैं। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई दूसरे इलाकों में मीट-मछली खाने वालों को आज दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई के विरोध में मांस विक्रेताओं की हड़ताल में मटन और चिकन विक्रेताओं के बाद अब मछली कारोबारियों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है। प्रदेश में हड़ताल की वजह से मांस परोसने वाले होटल अब बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं। 
 
भाजपा ने अपनी चुनाव घोषणापत्र में सत्ता में आने पर प्रदेश के सभी यांत्रिक बूचड़खानों को बंद करने का वादा किया था। इसे जमीन पर उतारने की कवायद के तहत प्रदेश की आदित्यनाथ योगी सरकार ने रविवार को एक बयान में कहा कि प्रदेश में संचालित अवैध पशु वधशालाओं को बंद कराना एवं यांत्रिक पशु वधशालाओं पर प्रतिबंध वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं में है।
 
एसोसिएशन के पदाधिकारी ने बताया कि पिछले 3 महीने के दौरान नोटबंदी की वजह से पहले ही काफी नुकसान हो चुका है। अगर यांत्रिक बूचड़खाने बंद किए गए तो इससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा। इससे उन किसानों पर भी प्रभाव पड़ेगा, जो अपने बेकार हो चुके जानवरों को बूचड़खानों में बेचते हैं। 
 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वक्त देश से करीब 26,685 करोड़ रुपए का मांस दूसरे देशों में भेजा जा रहा है। अगर उत्तरप्रदेश में सभी यांत्रिक बूचड़खानों को बंद किया गया तो यह निर्यात घटकर लगभग आधा हो जाएगा।
 
मांस कारोबारियों का आरोप है कि भारी-भरकम रिश्वत मांगे जाने की वजह से लाइसेंस हासिल करने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना बेहद मुश्किल हो गया है। प्रदेश की योगी सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी जिलों में स्थित पशु वधशालाओं का निरीक्षण किया जाए तथा अवैध रूप से संचालित पशुवधशालाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कराने के साथ-साथ दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।
 
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ के पद संभालने के कुछ घंटे के भीतर ही इलाहाबाद में प्रशासन ने 2 बूचड़खानों को सील कर दिया था। तकरीबन 1 साल पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने इन 2 बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था। (एजेंसी)

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