Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

अल्लाह की इबादत का पर्व है रमजान-उल-मुबारक

Webdunia
Ramadan 2022
 
इस्लामिक कैलेंडर में रमजान-उल-मुबारक (Ramadan ul Mubarak) नौवां महीना है। रमजान की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है। इसे अरबी में 'माह-ए-सियाम' भी कहते हैं। यह रहमतों और बरकतों वाला महीना है, जिसमें अल्लाह शैतान को कैद कर देता है, जिससे वह लोगों की इबादत में खलल न डाले। इस माहे-मुबारक में अल्लाह की रहमत खुलकर अपने बंदों पर बरसती है। इस माह में हर नवाफिल का सवाब सुन्नतों के बराबर और हर सुन्नत का सवाब फर्ज के बराबर कर दिया जाता है।
 
दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे के महीने को बलिदान का महीना मानते हैं। इस बार 3 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा, माना जा रहा है कि अगर 2 अप्रैल को चांद दिखा तो 3 अप्रैल के दिन पहला रोजा रखा जाएगा, तथा रमजान के 30 दिन के रोजे की शुरुआत हो जाएगी। 
 
चांद दिखने के हिसाब से रमजान का महीना कभी 29 तो कभी 30 दिन का होता है। रमजान में ही पाक कुरआन शरीफ उतारा गया।हजरत मुहम्मद पैगंबर (सल्ल.) रमजान में अपनी इबादत बढ़ा दिया करते थे।

हालांकि अल्लाह के रसूल पैगंबर साहब बख्शे-बख्शाए थे, लेकिन वे दिन भर रोजा रखते और रात भर इबादत में गुजारते थे। पैगंबर साहब (सल्ल.) की एक हदीस है जिसका मफूम है कि रमजान का पहला अशरा रहमत वाला है, दूसरा अशरा अपने गुनाहों की माफी मांगने का है और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से अल्लाह की पनाह चाहने वाला है। 
 
इस्लाम धर्म के अनुसार रमजान के पहले अशरे में अल्लाह की रहमत के लिए ज्यादा से ज्यादा इबादत की जानी चाहिए। इसी तरह रमजान के दूसरे अशरे में अल्लाह से अपने गुनाहों की रो-‍रो कर माफी मांगनी चाहिए।

रमजान का तीसरा अशरा जहन्नम की आग से अल्लाह की पनाह मांगने का है। रमजान के महीने में इशा की नमाज के बाद मस्जिदों में 'तरावीह' होती है, जिसमें बीस रकात नमाज में इमाम साहब कुरान मजीद की तिलावत करते हैं। यह माह अल्लाह की इबादत का पर्व है। 

ALSO READ: कब से शुरू हो रहा है रमजान माह ?

ALSO READ: Ramadan 2022 : क्यों सबसे खास माना गया है रमजान का महीना, जानें महत्व

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 24 अक्टूबर, दीपावली पूर्व का गुरु-पुष्य नक्षत्र का संयोग आज, जानें किसके चमकेंगे सितारे

Diwali Muhurat Trading 2024: कब होगा शेयर बाजार में दिवाली का मुहूर्त ट्रेडिंग 31 अक्टूबर या 01 नवंबर, NSE ने किया स्पष्ट

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

આગળનો લેખ
Show comments