Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

चौथा रोजा : नेकी का छाता और हिफ़ाज़त का कवच है रोजा

Webdunia
प्रस्तुतिः अज़हर हाशमी
 
रोजा नेकी का छाता है। जिस तरह छतरी या छाता बारिश या धूप से अपने लगाने वाले की हिफ़ाज़त करता है, ठीक उसी तरह रोजा भी रोजादार (रोजा रखने वाले) की हिफ़ाजत (सुरक्षा) की गारंटी है। शर्त यह है कि रोज़ा शरई तरीके (धार्मिक आचार संहिता) से रखा जाए।

ALSO READ: तीसरा रोजा - तमाम बुराइयों पर लगाम लगाता है रोजा, मोक्ष की सीधी राह
 
अहकामे-शरीअत यह है कि रोजा रखने में बुग़्‌ज़ (कपट), फ़रेब (छल), फ़साद (झगड़ा), झूठ और बेईमानी से बचा जाए। जाहिर है कि कोई शख़्स जब नेक नीयत और अच्छे जज़्बे के साथ रोजा रखता है, अल्लाह की रज़ामंदी हासिल करने के लिए रोजा रखता है यह सोचकर रोजा रखता है कि अल्लाह सब देख रहा है यानी अल्लाह के ख़ौफ का ख़्याल करके रोजा रखता है तो उसमें पाकीज़गी-ए-ख़्यालात (पवित्र भावनाएँ) पैदा होती है जो नेक अमल के ज़रिए रोजे को उसका (रोज़दार का) पैरोकार बनाती है। यानी परहेज़गारी (संयम और सात्विक कर्म) के साथ रखा गया रोजा अल्लाह (ईश्वर) के सामने रोजादार की ईमानदारी का तो तरफ़दार है ही, पाकीज़गी (विपत्रता) का पैरोकार भी है। परहेज़गारी से रखा गया रोजा ख़ुद सिफ़ारिश बनकर रोजदार के लिए अल्लाह की नेमतों के दरवाज़े खोलता है।
 
पवित्ऱ कुरआन के उनतीसवें पारा (अध्याय) की सूरत अलमुरसिलात की इकतालीसवीं/ बयालीसवीं आयतों में ज़िक्र है : 'इन्नाल मुत्तक़ीना फ़ी ज़िलालिवँ व अयूनिवँ व फ़वाकिहा मिम्मा यशतहन' यानी 'बेशक परहेज़गार (संयमी-सत्कर्मी) सायों में (छाँह में) और चश्मों में (झरनों में) होंगे और मेवों (ड्राय फ्रूट्स) में होंगे जो उनको मऱग़ूब (पसंदीदा/रुचिकर होंगे।'
 
कुल मिलाकर यह कि नेक अमल (सत्कर्म) और परह़ेजगारी (संयम के साथ रखा गया रोजा रोजदार की दीनदारी की दलील भी है और हिफ़ाजत की अपील भी। चौथा रोजा हिफ़ाज़त का कवच है : अल्लाह की अदालत में रोजा रोजदार का वकील है। इंशा अल्लाह! जिसका नतीजा होगा फ़तह (जीत) और फ़ज़ल (कृपा ईश्वर की)।

ALSO READ: दूसरा रोजा : ग़ुस्सा, लालच से दूर रहना ही सच्चा रोजा है
 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

Diwali Recipes : दिवाली स्नैक्स (दीपावली की 3 चटपटी नमकीन रेसिपी)

આગળનો લેખ
Show comments