Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

श्रीराम नवमी : ऐसे करें विधिवत पूजन श्रीराम दरबार का, पूरी करें अपनी हर कामना

श्रीराम नवमी : ऐसे करें विधिवत पूजन श्रीराम दरबार का, पूरी करें अपनी हर कामना
श्रीराम नवमी इस वर्ष 13 और 14 अप्रैल को मनाई जा रही है। विभिन्न विद्वानों में दोनों दिनों को लेकर मतभेद हैं, 13 अप्रैल को मनाने वाले पंडितों केअनुसार इस दिन पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग उसी तरह बन रहा है जिस तरह श्रीराम के जन्म के समय बना था अत: 13 को ही मनाना शुभ होगा जबकि अन्य के अनुसार 14 को ही नवमी तिथि है अत: 14 को मनाई जानी चाहिए.. बहरहाल आप अपने मतानुसार श्रीराम नवमी मनाएं लेकिन प्रामाणिक पूजन विधि यही रखें जो हम आपके लिए लेकर आए हैं। 
 
प्रात:काल उठकर नित्य कर्म कर, स्नान कर लें। स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा गृह को शुद्ध कर लें। सभी सामग्री एकत्रित कर आसन पर बैठ जाएं। चौकी अथवा लकड़ी के पटरे पर लाल वस्त्र बिछायें। उस पर श्री राम जी की मूर्ति स्थापित करें। साथ में श्रीराम दरबार की तस्वीर सजाएं। श्रीराम जी का पूरा दरबार जिसमें चारों भाई के साथ हनुमान जी भी दिखाई दे। 
 
पवित्रीकरण:- 
हाथ में जल ले कर निम्न मंत्र पढ़ते हुए जल अपने ऊपर छिड़क कर अपने आप को पवित्र कर लें।
 
ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा।
यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥
 
पृथ्वी पूजा:-
मन ही मन पृथ्वी मां को प्रणाम करते हुए निम्न मंत्र पढ़ें  :- 
 
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्‌॥
पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः
 
आचमन :- 
चम्मच से तीन बार एक- एक बूंद पानी अपने मुंह में छोड़ते हुए, दिए हुए मंत्र का उच्चारण कीजिए -
 
ॐ केशवाय नमः
ॐ नारायणाय नमः
ॐ वासुदेवाय नमः
फिर ॐ हृषिकेशाय नमः कहते हुए हाथों को खोलें और अंगूठे के मूल से होंठों को पोंछ लें। इसक बाद शुद्ध जल से हाथ धो लें।
 
 संकल्प :- 
अब संकल्प करें। संकल्प के लिए दायें हाथ में गंगाजल(गंगाजल न हो तो शुद्ध जल में तुलसी पत्र डाल दें), फूल, अक्षत, पान(डंडी सहित),सुपारी,कुछ सिक्के हाथ में लेकर मंत्र के द्वारा रामनवमी पूजा का संकल्प करें :- 
 
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः। श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्याद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीयपरार्द्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशतितमे कलियुगे प्रथमचरणे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर्गतब्रह्मावर्तैकदेशे पुण्यप्रदेशे बौद्धावतारे वर्तमाने यथानामसंवत्सरे अमुकामने महामांगल्यप्रदे मासानाम्‌ उत्तमे चैत्रमासे शुक्लपक्षे नवमीतिथौ अमुकवासरान्वितायाम्‌ अमुकनक्षत्रे अमुकराशिस्थिते सूर्ये अमुकामुकराशिस्थितेषु चन्द्रभौमबुधगुरुशुक्रशनिषु सत्सु शुभे योगे शुभकरणे एवं गुणविशेषणविशिष्टायां शुभ पुण्यतिथौ सकलशास्त्र श्रुति स्मृति पुराणोक्त फलप्राप्तिकामः अमुकगोत्रोत्पन्नः अमुक नाम अहं रामनवमी पूजा करिष्ये। उक्त संकल्प के बाद जल को भूमि पर छोड़ दें।

webdunia
गणेश पूजा:-
इसके बाद चौकी पर चावल का ढेर रखकर, उसपर गणेश जी की मूर्ति (यदि मूर्ति ना हो तो सुपारी पर मौली लपेट कर गणेश जी के रूप में रखें) स्थापित करें। अब पंचोपचार विधि से गणेश जी की पूजा करें। धूप,दीप, अक्षत,चंदन/सिंदूर एवं नैवेद्य समर्पित करते हुए गणेश जी की पूजा करें।
 
गुरु वंदना:-
दोनों हाथ जोड़कर अपने गुरु को नमन करें। 
 
कलश पूजन:-
मिट्टी के कलश में जल भर लें। उसमें दूर्वा, कुछ सिक्के,अक्षत डालें एवं गंगाजल मिलाएं। आम का पल्लव डाल कर उसके ऊपर लाल कपड़े में नारियल लपेट कर रखें। चावल से चौकी के पास अष्टदल कमल बनाएं। अष्टदल कमल पर कलश को रखें। कलश पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। धूप, दीप, अक्षत, चंदन, नैवेद्य समर्पित करत हुए कलश की पूजा करें। दोनों हाथ जोड़कर कलश को प्रणाम करें:-
 
ध्यान:-
दोनों हाथ जोड़कर श्री रामचंद्रजी का ध्यान करते हुए श्रीराम का श्लोक पढ़ें:- 
 
 राम रामेति रमेति रमे रामे मनोरमे
सहस्त्र नाम ततुल्यं राम नामं वारानने 
 
आवाहन:-
भगवान श्रीरामचंद्र जी का आवाहन करें:-
 
हाथ में पुष्प और अक्षत लेकर भगवान राम को आसन समर्पित करें।  
 
पुष्प से जल लेकर श्रीराम जी को पैर धोने के लिए जल समर्पित करें।   
 
पुष्प से जल लेकर अभिषेक के लिए श्रीरामजी को जल अर्पित करें। 
 
पुष्प से जल लेकर आचमन के लिए श्रीरामजी को जल अर्पित करें। 
 
चम्मच में दूध तथा मधु लेकर श्रीराम जी को अर्पित करें। 
 
पुष्प से स्नान के लिए श्रीराम जी को जल समर्पित करें। 
 
पंचामृत स्नान:- 
दुग्ध स्नान- पुष्प से दुग्ध स्नान के लिए श्रीराम जी को दूध समर्पित करें, उसक बाद शुद्ध जल समर्पित करें। 
 
दधि स्नान- पुष्प से दही स्नान के लिए श्रीराम जी को दही समर्पित करें; उसके बाद शुद्ध जल समर्पित करें। 
 
घृतं स्नान- पुष्प से घृत स्नान के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए श्रीराम जी को घी समर्पित करें; उसके बाद शुद्ध जल समर्पित करें। 
 
मधु स्नान- पुष्प से मधु स्नान के लिए श्रीराम जी को शहद समर्पित करें; उसके बाद शुद्ध जल समर्पित करें। 
 
शर्करा स्नान- पुष्प से शर्करा स्नान के लिए श्रीराम जी को शर्करा समर्पित करें। 
 
शुद्धोदक स्नान- पुष्प से शुद्ध जल लेकर शुद्धोदक स्नान के लिए श्रीराम जी को जल समर्पित करें। 
 
वस्त्र:- हाथ में पीला वस्त्र लेकर श्रीराम जी को वस्त्र समर्पित करें। 
 
यज्ञोपवित:- हाथ में यज्ञोपवित लेकर श्रीराम जी को यज्ञोपवित समर्पित करें। 
 
गंध:- हाथ में इत्र(गंध) लेकर मंत्र के उच्चारण के साथ श्रीराम जी को गंध समर्पित करें। 
गंधं समर्पयामि 
अक्षत:- हाथ में अक्षत लेकर मंत्र के उच्चारण के साथ श्रीराम जी को अक्षत समर्पित करें। 
 अक्षतं समर्पयामि 
पुष्प:- हाथ में फूल तथा तुलसी दल लेकर श्रीराम जी को फूल तथा तुलसी दल समर्पित करें। 
 
अंग पूजा:- बाएं हाथ में अक्षत तथा फूल लेकर मंत्र के उच्चारण के साथ श्रीराम जी के विभिन्न अंगों के निमित्त थोड़ा-थोड़ा अक्षत,फूल रामजी के पास अर्पित करते जाएं:- 
 
ॐ  श्री रामचन्द्राय नम: ।पादौ पूजयामि॥
ॐ श्री राजीवलोचनाय नम: ।गुल्फौ पूजयामि॥
ॐ श्री रावणान्तकाय नम: ।जानुनी पूजयामि॥
ॐ श्री वाचस्पतये नम: ।ऊरु पूजयामि॥
ॐ श्री विश्वरूपाय नम: ।जंघे पूजयामि॥
ॐ श्री लक्ष्मणाग्रजाय नम: ।कटि पूजयामि॥
ॐ विश्वमूर्तये नम: ।मेढ़्र पूजयामि॥
ॐ विश्वामित्र प्रियाय नम: ।नाभिं पूजयामि॥
ॐ परमात्मने नम: ।हृदयं पूजयामि॥
ॐ श्री कण्ठाय नम: ।कंठ पूजयामि॥
ॐ सर्वास्त्रधारिणे नम: ।बाहू पूजयामि॥
ॐ रघुद्वहाय नम: ।मुखं पूजयामि॥
ॐ पद्मनाभाय नम: ।जिह्वां पूजयामि॥
ॐ दामोदराय नम: ।दन्तान् पूजयामि॥
ॐ सीतापतये नम: ।ललाटं पूजयामि॥
ॐ ज्ञानगम्याय नम: ।शिर पूजयामि॥
ॐ सर्वात्मने नम: ।सर्वांग पूजयामि॥
ॐ श्री जानकीवल्लभं। ॐ श्री रामचन्द्राय नमः । सर्वाङ्गाणि पूजयामि।।
 
श्रीराम जी को धूप समर्पित करें। 
 
श्रीराम जी को दीप समर्पित करें
 
श्री राम जी को नैवेद्य(मिठाई) समर्पित करें तथा उसकी बाद आचमन के लिए जल समर्पित करें। 
 
श्रीराम जी को फल समर्पित करें।  
 
ताम्बूल:-
पान के पत्ते को पलट कर उस पर लौंग,इलायची,सुपारी के टुकड़े तथा कुछ मीठा रखकर ताम्बूल बनाएं। श्रीराम जी को ताम्बूल समर्पित करें। 
 
श्रीराम जी को दक्षिणा समर्पित करें। 
 
आरती:- थाल में घी का दीपक तथा कर्पूर से रामजी की आरती करें। 
आरती का जल से तीन बार प्रोक्षण करें, उसकी बाद सभी देवी-देवताओं को आरती दें। उपस्थित जनों को आरती दें तथा स्वयं भी लें।
 
मंत्र पुष्पांजलि:-हाथ में पुष्प लेकर खड़े हो जाएं और निम्न मंत्र के द्वारा पुष्पांजलि समर्पित करें।  
 
ॐ श्री जानकीवल्लभं। ॐ श्री रामचन्द्राय नमः । मंत्र पुष्पांजलि समर्पयामि।
 
प्रदक्षिणा:-अपने स्थान पर बाएं से दाएं की ओर घूमते हुए निम्न मंत्र के द्वारा प्रदक्षिणा करें।  
 
ॐ श्री जानकीवल्लभं। ॐ श्री रामचन्द्राय नमः । प्रदक्षिणां समर्पयामि।
 
क्षमा प्रार्थना:- दोनों हाथ जोड़कर श्रीराम जी से पूजा में हुई त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थना करें। 

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

चैत्र नवरात्रि में अपनी राशिनुसार करें देवी दुर्गा को प्रसन्न, पढ़ें ये खास मंत्र