Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

पाताल लोक की भद्रा नहीं करेगी हानि, जानिए कब बांध सकते हैं भाई को राखी

Webdunia
बुधवार, 10 अगस्त 2022 (10:49 IST)
Raksha bandhan 2022 : रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 गुरुवार को है। लेकिन कई विद्वानों का मानना है कि इस दिन भद्रा पूरे दिन रहेगा। राहुकाल और भद्राकाल में राखी बांधना शुभ नहीं होता है। आओ जानते हैं कि सभी कुछ विस्तार से।
 
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 11 अगस्त को सुबह 10:38 से प्रारंभ।
पूर्णिमा तिथि समाप्त : 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त।
 
भद्रा प्रारंभ : प्रात: 10:38 से शाम 08:50 तक है।
भद्रा पूंछ : भद्रा पूंछ समय शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक।
भद्रा मुख : शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक।
भद्रा समापन : भद्रा का अंत समय रात 08 बजकर 50 मिनट पर है।
 
भद्रा पर 2 मत : 
1. पहला मत : कुछ विद्वानों का मानना है कि भद्रा का विचरण यदि धरती या कहें कि मृत्युलोक में नहीं है तो वह अशुभ असर नहीं देती है। इस बार भद्रा का निवास पाताल लोक में है। ऐसे में भद्राकाल में भी राखी मनाई जा सकती है। यदि फिर भी शंका है तो भद्रा के पूंछ काल में या भद्रा के समाप्त होने के बाद राखी मनाई जा सकती है।
 
2. दूसरा मत : कुछ विद्वानों का मत है कि भद्रा का किसी भी लोक में निवास हो भद्राकाल में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। अत: भद्रा की समाप्ति के बाद ही राखी का पर्व मनाया जा सकता है।
भद्रा का असर होगा या नहीं?
1. जिस तरह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देता है तो उसका सूतककाल भारत में मान्य नहीं होता है। उसी तरह जब भद्रा का निवास धरती पर नहीं है तो उसका शुभ या अशुभ प्रभाव मान्य नहीं होता है।
 
2. मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है। चंद्रमा जब मेष, वृषभ, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में रहता है। कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में चंद्रमा के स्थित होने पर भद्रा पाताल लोक में होती है। 11 अगस्त को भद्रा का पाताल लोक में वास है। जय मार्तण्ड पंचांग अनुसार जब भद्रा पाताल लोक में रहती है तो शुभ होती है।
 
3. भद्रा जिस लोक में रहती है, वहीं प्रभावी रहती है। इसी प्रकार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होगा तभी वह पृथ्वी पर असर करेगी अन्यथा नहीं। शास्त्र अनुसार जब भद्रा स्वर्ग या पाताललोक में होगी तब वह शुभ फलदायी होती है। जय मार्तण्ड पंचांग अनुसार भी जब भद्रा पाताल लोक में रहती है तो शुभ होती है।
 
5. मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार भद्रा का वास मृत्युलोक में है तो मांगलिक कार्य नहीं करते हैं लेकिन 11 अगस्त को भद्रा का वास पाताल लोक में रहेगा। भद्रा जिस लोक में निवास करती है, वहीं उसका असर होता है इसलिए भद्रा का असर पृथ्वी पर नहीं होगा।
 
6. राखी का त्योहार श्रावण पूर्णिमा तिथि के दिन श्रवण नक्षत्र में ही मनाया जाता है। 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि और नक्षत्र विद्यमान रहेगा, जबकि 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि त्रिमुहूर्ता है जो कि मान्य नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

આગળનો લેખ
Show comments