नवांशहर। पंजाब के नवांशहर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार 75 वर्षीय चरणजीत सिंह चन्नी के लिए अपने ही परिवार में किसी के खिलाफ चुनाव लड़ना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि वे एक बार अपनी मां के खिलाफ भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
परिवार के भीतर कड़ी राजनीतिक टक्कर होनी तय प्रतीत होती है, क्योंकि 26 वर्षीय कांग्रेस उम्मीदवार अंगद सिंह आप उम्मीदवार चन्नी के सामने चुनौती बनकर खड़े हैं। अंगद कांग्रेस के दूसरे सबसे युवा उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस की ओर से सबसे कम उम्र के उम्मीदवार 25 वर्षीय दविंदर सिंह घुबाया हैं, जो फाजिल्का विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। चन्नी नवांशहर से चुनाव लड़ रहे सभी 9 उम्मीदवारों में से सबसे उम्रदराज हैं। अंगद चुनावी मैदान में अपने ताऊ के प्रवेश से विचलित नजर नहीं आते। वे मौजूदा कांग्रेस विधायक गुर इकबाल कौर के बेटे हैं, जो इस बार चुनाव नहीं लड़ रहीं।
अंगद ने कहा कि मेरे दादा दिलबाग सिंह यहां से 6 बार विधायक रह चुके हैं और वे बेअंत सिंह की सरकार में कृषिमंत्री के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं। अंगद के पिता प्रकाश सिंह यहां से 2002 में चुनाव जीतने के बाद संसदीय सचिव थे। अंगद अपने परिवार की इसी विरासत को आगे ले जाना चाहते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अपने ताऊ को हराना होगा।
राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज रहे अंगद ने कहा कि चन्नी साहिब वर्ष 1997 में एक विद्रोही कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नवांशहर विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। उस समय वे अपनी मां एवं कांग्रेस की आधिकारिक उम्मीदवार अमर कौर के खिलाफ चुनाव लड़े थे। उन्होंने कहा कि चन्नी साहिब पहले भी पार्टियां बदल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस व्यक्ति को मुझे राह दिखानी चाहिए थी और मेरा मार्गदर्शन करना चाहिए था, वह मेरे खिलाफ लड़ रहा है। अंगद ने कहा कि नशाखोरी और विकास का अभाव मुख्य मुद्दा हैं। (भाषा)