झुंझुनू: भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान और प्रो कबड्डी में हरियाणा स्टीलर्स के कोच राकेशकुमार ने कहा है कि उन्हें खुशी होगी कि जब कबड्डी जैसा भारतीय मिट्टी का खेल ओलंपिक में खेला जाएगा।
झुंझुनू के डूंडलोद में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद श्री कुमार ने कहा कि उन्होंने कबड्डी को ऊंचाइयां छूते हुए देखा है। जब वह खेलते थे तो मिट्टी में खेलते थे और अब जमाना मैट तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि न केवल फैडरेशन, बल्कि सरकार भी इसे ओलंपिक में शामिल करवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
श्री कुमार ने बताया कि प्रो कबड्डी के बाद पूरे देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी कबड्डी को पहचान मिली है। यही कारण है कि अब विश्व के 38 देशों में कबड्डी खेले जाने लगा है। यह एक बड़ी बात है। बहुत कम समय में कबड्डी ने अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। जिसका श्रेय केवल और केवल प्रो कबड्डी को जाता है। उन्होंने कहा कि पहले खिलाड़ी कबड्डी केवल नौकरी के लिए खेलता था। लेकिन प्रो कबड्डी के बाद अब खिलाड़ियों को नौकरी की इतनी ललक नहीं है। क्योंकि प्रो कबड्डी से अच्छा पैसा और नाम खिलाडिय़ों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की प्रो कबड्डी की भी तैयारियां चल रही हैं। कई जगहों पर परीक्षण के तौर पर महिलाओं के मुकाबले करवाए गए थे। महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। उन्होंने जल्द ही प्रो महिला कबड्डी शुरु होने की उम्मीद जताई।हालांकि साल 2016 में महिला कबड्डी चैलेंज से शुरुआत हुई थी जिसमें महिलाओं की 3 टीमें थी।