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मकर संक्रांति पर शाही स्नान के साथ प्रयाग कुंभ की शुरुआत, उमड़ा आस्था का सैलाब

मकर संक्रांति पर शाही स्नान के साथ प्रयाग कुंभ की शुरुआत, उमड़ा आस्था का सैलाब
प्रयाग , मंगलवार, 15 जनवरी 2019 (07:30 IST)
प्रयाग। तीर्थराज प्रयाग में मंगलवार से 49 दिन तक चलने वाले कुंभ की शुरुआत हो चुकी है। मकर संक्रांति पर पहले शाही स्नान के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रयाग में पहले शाही स्नान से जुड़ी हर जानकारी... 

- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज में मंगलवार से आरंभ हो रहे पवित्र कुंभ मेले पर शुभकामनाएं देते हुए कामना की है कि अधिक से अधिक लोग इस दिव्य और भव्य आयोजन का हिस्सा बनें।
- मोदी ने टि्वटर पर अपने शुभकामना संदेश में कहा, 'प्रयागराज में आरंभ हो रहे पवित्र कुंभ मेले की हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे आशा है कि इस अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक विविधताओं के दर्शन होंगे। मेरी कामना है कि अधिक से अधिक लोग इस दिव्य और भव्य आयोजन का हिस्सा बनें।'
 
- महानिवार्णी और अटल अखाड़े ने 40 मिनट में शाही स्नान किया। 
- निरंजनी अखाड़े और तपोनिधि अखाड़े ने 41 मिनट में शाही स्नान किया। 
- केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति भी महामंडलेश्वर के रूप में शाही स्नान के लिए पहुंचीं।

- शाही स्नान के लिए सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी का जुलूस पहुंच चुका है। अखाड़े के देव भगवान कपिल देव तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुआई की।
- महानिर्वाणी अखाड़े के बाद श्री पंचायती अटल अखाड़े के संत, आचार्य और महामंडलेश्वर संगम तट पर शाही अंदाज में पहुंचे और तय समय के मुताबिक पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संतों ने सबसे पहले संगम तट पर डुबकी लगाई।

- कुुंभ मेले के दौरान मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा के साथ 4 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व तक कुल 6 स्नान पर्व होंगे, जिसमें से 15 जनवरी मकर संक्रांति, 4 फरवरी मौनी अमावस्या और 10 फरवरी बसंत पंचमी पर्व पर शाही स्नान होगा।
- मेले में विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और विविधताओं का संगम भी देखने को मिलता है। देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु आते हैं और पतित पावन संगम में स्नानकर खुद को धन्य मानते हैं। कड़ाके की ठंड और शीतलहरी पर विश्वास की आस्था भारी पड़ती है।
 
- इलाहाबाद जिला प्रशासन द्वारा कुंभ मेले में आने वाले साधु-संतों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
- सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के साथ मेला क्षेत्र में बिजली, पानी, शौचालय और साफ-सफाई के इंतजाम सुनिश्चित किए गए हैं।

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