Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

ठंड में गर्मी के लिए करें मात्र 2 प्रणायाम

अनिरुद्ध जोशी
सोमवार, 21 नवंबर 2022 (19:00 IST)
Pranayama yoa: यदि आप कहीं ऐसी जगह पर हैं जहां ठंड बहुत लग रही है और आपके पास ठंड से बचने के ज्यादा साधन भी नहीं है तब आप इन 2 प्राणायाम को आजमा सकते हैं। दूसरा यह कि यदि आप वृद्ध हैं तो आपको भी सर्दी से बचने के लिए ये प्राणायाम करना चाहिए क्योंकि इससे खून का संचालन अच्‍छे से होता है और शरीर में गर्मी आ जाती है।
 
अग्निसार प्राणायाम | Agnisar Pranayama : अग्निसार प्राणायाम को क्रिया योग के अंतर्गत माना जाता है। इस प्राणायाम से शरीर के अंदर अग्नि उत्पन होती है जिसके चलते शरीर के भीतर के कई तरह के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। इसे प्लाविनी क्रिया भी कहते हैं।  इसे अच्‍छे से किसी से सीखकर ही करना चाहिए। वह भी शुद्ध वातावरण में ही इसका प्रयोग करें।
 
अग्निसार प्राणायाम विधि | Agnisar Pranayama Vidhi : इस प्राणायाम का अभ्यास खड़े होकर, बैठकर या लेटकर तीनों तरह से किया जा सकता है। आप चाहे तो सिद्धासन में बैठकर दोनों हाथ को दोनों घुटनों पर रखें और शरीर को स्थिर करें। अब पेट और फेंफड़े की वायु को बाहर छोह़ते हुए उड्डीयान बंध लगाएं अर्थात पेट को अंदर की ओर खींचे।
 
सहजता से जितनी देर श्वास रोक सके रोंके और पेट को नाभि पर से बार-बार झटके से अंदर खींचें और ढीला छोड़ें अर्थात श्वास को रोककर रखते हुए ही पेट को तेजी से 3 बार फुलाएं और पिचकाएं। ध्यान मणिपुर चक्र (नाभि के पीछे रीढ़ में) पर रहे। यथाशक्ति करने के बाद श्वास लेते हुए श्वास को सामान्य कर लें।
कपालभाती प्राणायाम | Kapalbhati pranayam: कपालभाती प्राणायाम को हठयोग के षट्कर्म क्रियाओं के अंतर्गत लिया गया है। इससे भी शरीर में गर्मी फैल जाती है। इसे अच्‍छे से किसी से सीखकर ही करना चाहिए। वह भी शुद्ध वातावरण में ही इसका प्रयोग करें।
 
कपाल भाती प्राणायाम की सरल विधि- kapalbhati pranayam ki vidhi: रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएं। दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखों जो आकाश की ओर खुली रहेगी। अब गहरी सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देना है। यानी नाभि को रीढ़ी की हड्डी की ओर खिंचना है। उतना ही बल लगाएं, जितना सहजता से लग जाए। ध्यान रखें कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में श्वास स्वत: ही अंदर चली जाती है। इस प्रक्रिया को 20 बार दोहराने पर एक राउंड पूरा हो जाएगा। अंत में सहज होते हुए नाभि और पेट को ढीला छोड़ दें। इस प्रक्रिया को 3 राउंड या 80 सांसों तक दोहराया जा सकता है। पेट, छाती या गले में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो यह प्राणायाम नहीं करें।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार

આગળનો લેખ
Show comments