NCP chief Sharad Pawar to resign : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को एनसीपी अध्यक्ष का पद छोड़ने का फैसला किया। पवार के ऐलान से उनके समर्थक हैरान रह गए। महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई। 83 वर्षीय पवार पहले भी NCP के गठन से लेकर सोनिया गांधी की कांग्रेस से गठबंधन तक कई बार अपने राजनीतिक फैसलों से सभी को चौंका चुके हैं।
शरद पवार ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि मैंने अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मुझे लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व करने का मौका मिला। अब मैं रिटायर होना चाहता हूं। पवार के इस्तीफे के बाद लोगों की नजरें इस बात पर लगी हुई है कि बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजित पवार में से पार्टी की कमान कौन संभालेगा।
देश के कृषि मंत्री रहे शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को हुआ था। अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पवार ने कांग्रेस के साथ 1967 में की। यशवंतराव चव्हाण को उनका राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1978 में जनता पार्टी के गठबंधन से सरकार बनाने के लिए उन्हें कांग्रेस से पहले भी निष्कासित किया जा चुका था। इस गठबंधन के फलस्वरूप वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे।
1984 में बारामती से वह पहली बार लोकसभा चुनाव जीते। 1987 में शिवसेना के बढ़ते प्रभाव के चलते उन्होंने कांग्रेस में वापसी की। 1993 में उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री के पद शपथ ली थी और यह उनका सबसे विवादास्पद कार्यकाल रहा। वे नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री और मनमोहन सरकार में कृषि मंत्री भी रहे।
उन्होंने 20 मई 1999 को तारिक अनवर और पीए संगमा के साथ मिलकर NCP की स्थापना की थी। ये तीनों नेता इटली मूल की सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किए जाने के विरुद्ध थे।
क्रिकेट की राजनीति में भी एक समय शरद पवार का जलवा दिखाई दिया। वे एक अच्छे क्रिकेट प्रशासक भी थे। 2005 से 2008 तक वे बीसीसीआई के चेयरमैन रहे और 2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष बने। 2017 में भारत सरकार उन्हें पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित कर चुकी है।