Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

सिद्धारमैया : प्रोफाइल

Webdunia
Siddaramaiah Profile: कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने 20 मई, 2023 को दूसरी बार कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली। सिद्धा कर्नाटक की राजनीति का बड़ा नाम हैं। करीब ढाई दशक तक जनता परिवार के सदस्य रहे सिद्धारमैया घोर कांग्रेस विरोधी रुख के लिए जाने जाते थे, लेकिन राजनीतिक उतार-चढ़ाव की दिशा ऐसी बदली कि बाद में वे 2013 में राज्‍य की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री बन गए। सिद्धारमैया ने ​हाल ही में कर्नाटक के मैसूर क्षेत्र में वरुणा सीट से जीत हासिल कर ली है। उन्होंने 9वीं बार विधानसभा का चुनाव जीता है। 

12 अगस्त 1948 को मैसूर जिले के सिद्दरामनहुंडी गांव में जन्मे सिद्धारमैया ने मैसूर विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक किया और फिर इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने कानून की डिग्री ली। उनकी पत्नी का नाम पार्वती है और उनके दो पुत्र हैं।

गरीब किसान परिवार से जुड़े सिद्धारमैया 1980 के दशक से 2005 तक कांग्रेस के धुर विरोधी थे, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल एस से उनका निष्कासन उन्हें राजनीतिक चौराहे पर ले आया जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और बाद में वे कर्नाटक के 22वें मुख्यमंत्री बने।

कांग्रेस में आए उन्हें सात साल भी पूरे नहीं हुए थे कि उनकी जीवनभर की महत्वाकांक्षा पूरी हो गई जब उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वर्ष 2004 में खंडित जनादेश मिलने के बाद कांग्रेस और जद(एस) ने गठबंधन सरकार बनाई। तब सिद्धारमैया जद(एस) में थे और उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के एन धरमसिंह को मिला था।

सिद्धारमैया यह शिकायत कर रहे थे कि उनके सामने मुख्यमंत्री बनने का मौका था लेकिन देवगौड़ा ने ऐसा नहीं होने दिया। वर्ष 2005 में उन्होंने खुद को पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर पेश किया। वे कुरूबा समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक में तीसरी सबसे बड़ी संख्या वाली जाति है, लेकिन इसी दौरान देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमारस्वामी को पार्टी के उभरते सितारे के तौर पर देखा गया और सिद्धारमैया जद(एस) से बर्खास्‍त कर दिए गए।

कभी जद(एस) की राज्य इकाई के अध्यक्ष रहे सिद्धारमैया के बारे में पार्टी के आलोचकों ने कहा कि देवगौड़ा कुमारस्वामी को पार्टी के नेता के तौर पर आगे बढ़ाना चाहते थे इसलिए सिद्धारमैया को बर्खास्‍त किया गया।

पेशे से वकील सिद्धारमैया ने तब कहा कि वे राजनीति से संन्यास लेकर फिर से वकालत करना चाहते हैं। क्षेत्रीय पार्टी बनाने से उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे धनबल नहीं जुटा सकते। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही उन्हें अपने-अपने यहां बुलाने की कोशिश की।

सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा की विचारधारा से वे सहमत नहीं हैं। वर्ष 2006 में वे अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में चले गए। 64 वर्षीय सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा कभी नहीं छिपाई। वर्ष 2004 के अलावा 1996 में भी मुख्यमंत्री पद उनसे देखते ही देखते दूर चला गया था।

देवगौड़ा और जेएच पटेल दोनों के ही मुख्यमंत्रित्वकाल में सिद्धारमैया वित्तमंत्री बने और सात बार उन्होंने राज्य का बजट पेश किया। जनता परिवार के 'उत्पाद' रहे सिद्धारमैया डॉक्‍टर राम मनोहर लोहिया के समाजवाद से इस कदर प्रभावित हुए थे कि वकालत का पेशा छोड़कर राजनीति में आ गए। वर्ष 1983 में वे लोकदल पार्टी के टिकट पर मैसूर की चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए और बाद में सत्तारुढ़ पूर्ववर्ती जनता पार्टी में शामिल हो गए।

वे 'कन्नड़ कावलु समिति' के पहले अध्यक्ष थे। यह समिति रामकृष्ण हेगड़े के मुख्यमंत्रित्‍वकाल में कन्नड़ के आधिकारिक भाषा के तौर पर कार्यान्वयन की निगरानी के लिए बनाई गई थी। बाद में सिद्धारमैया को सेरीकल्चर मंत्री बनाया गया।

दो साल बाद हुए मध्यावधि चुनाव में वे फिर निर्वाचित हुए और हेगड़े सरकार में पशुपालन तथा पशु चिकित्सा मंत्री बनाए गए। सिद्धारमैया वर्ष 1989 और 1999 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। वर्ष 2008 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति की प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया।
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

चक्रवाती तूफान दाना की दहशत, 5 घंटे रहेंगे सबसे खतरनाक, सैकड़ों फ्लाइट और ट्रेनें रद्द

नशे का सौदा करने पहुचीं पूर्व विधायक सत्कार कौर, रंगे हाथों पकड़ी गईं, कांग्रेस की विधायक थीं, बाद में ज्‍वॉइन की बीजेपी

प्रियंका गांधी पर भाजपा का निशाना, पति वाड्रा की संपत्ति पर भी उठाए सवाल

वीडी शर्मा के बाद अब किसे मिलेगी मध्यप्रदेश भाजपा की कमान?

CM एकनाथ शिंदे के खिलाफ उद्धव ठाकरे का बड़ा दांव, केदार दिघे को दिया कोपरी पाचपाखड़ी टिकट

આગળનો લેખ
Show comments