Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, BPCL समेत 5 कंपनियों में बेचेगी हिस्सेदारी, संसद में विपक्ष कर सकता है घेराव

Webdunia
गुरुवार, 21 नवंबर 2019 (10:12 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को निजीकरण के सबसे बड़े कदम के तहत ब्लू चिप तेल कंपनी बीपीसीएल सहित 5 सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी। आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी की बैठक में सरकार ने 5 सरकारी कंपनियों को पूरी तरह बेचने का फैसला किया है। मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष संसद में हंगामा कर सकता है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों का भविष्य क्या होगा?
 
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार के इस फैसले का विरोध होना तय माना जा रहा है। संसद में कांग्रेस और लेफ्ट समेत तमाम विपक्षी दल इस फैसले का जमकर विरोध करेंगे। माना जा रहा है कि आज ही संसद के दोनों सदनों में विपक्ष इस मामले को उठा सकता है।
 
जिन 5 कंपनियों को बेचे जाने का फैसला हुआ है उनमें भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड का नाम सबसे महत्वपूर्ण है। यह देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी है। सरकार की महानवरत्न कंपनियों में से एक बीपीसीएल तेल के क्षेत्र में काम करने वाली एक महत्वपूर्ण सरकारी कंपनी है।
 
मोदी सरकार ने इस कंपनी में अपनी बाकी बची 53.29 फ़ीसदी हिस्सेदारी को पूरी तरह बेचने का फैसला लिया है। इसके साथ ही कंपनी का प्रबंधन और मालिकाना हक भी सरकार के नियंत्रण से बाहर होकर इसे खरीदने वाली निजी कंपनी के हाथों में चला जाएगा।
 
हालांकि असम के नुमालीगढ़ में स्थित कंपनी के रिफाइनरी को नहीं बेचा जाएगा। इस रिफाइनरी को किसी अन्य सरकारी कंपनी को सौंप दिया जाएगा। कंपनी को बेचने के लिए नीलामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
 
इसके अतिरिक्त शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार अपनी बाकी बची 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी भी बेचने जा रही है। कंपनी का भी प्रबंधन निजी हाथों को सौंपा जाएगा।
सरकार ने रेलवे से जुड़ी कंपनी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का भी मालिकाना हक और प्रबंधन निजी हाथों के नियंत्रण में देने का फैसला किया है। हालांकि सरकार इस कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी नहीं बेचेगी और 24 फ़ीसदी हिस्सेदारी अपने पास ही रखेगी।
 
सरकार की ही कंपनी करेगी खरीदी : हालांकि इन 5 कंपनियों में से 2 कंपनियां ऐसी हैं जिन्हें सरकार की ही एक बड़ी कंपनी एनटीपीसी खरीदेगी। ये दोनों कंपनियां बिजली उत्पादन के क्षेत्र से संबंध रखती है। जिन दो कंपनियों को एनटीपीसी खरीदेगी उनमें टिहरी हाइडल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और नॉर्थ ईस्टर्न पावर कॉरपोरेशन शामिल हैं।

दूरसंचार कंपनियों को मिली राहत : सरकार ने दूरसंचार कंपनियों के लिए अगले 2 साल स्पेक्ट्रम फीस का भुगतान टालने की मंजूरी भी दी। उन्हें अगले दो वित्त वर्ष सिर्फ ब्याज देना होगा। इस फैसले से 2020-21 और 2021-22 में भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो को कुल 42,000 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर बवाल, हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 27 लोग घायल

Maharashtra : पुणे में पानी की टंकी गिरी, 5 श्रमिकों की मौत, 5 अन्य घायल

Cyclone Dana : चक्रवात दाना पर ISRO की नजर, जानिए क्या है अपडेट, कैसी है राज्यों की तैयारियां

भारत के 51वें CJI होंगे जस्टिस संजीव खन्ना, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

चीन के साथ समझौते पर क्‍या बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

આગળનો લેખ
Show comments