लगातार बीमारियों की चपेट में रहे हैं प्रणय, ओलंपिक के लिए खेल में ला रहे हैं यह सुधार
पेरिस ओलंपिक से पहले प्रणय की कोशिश खेल की गति बढ़ाने पर
हाल ही में चिकनगुनिया की चपेट में आने वाले अनुभवी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय पेरिस ओलंपिक के लिए अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है और अपने कोच तथा पूर्व खिलाड़ी आरएमवी गुरुसाईदत्त की देखरेख में खेल की गति को बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।
प्रणय पिछले कुछ समय के लगातार बीमारियों की चपेट में रहे हैं। थॉमस कप विजेता की के इस अहम सदस्य को पेट की गंभीर बीमारी के कारण लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा था। इसके बाद पीठ की चोट ने उन्हें परेशान किया और फिर चिकनगुनिया के कारण उन्हें एक सप्ताह तक विश्राम करना पड़ा।
गुरुसाईदत्त ने PTI-(भाषा) से कहा, ऑस्ट्रेलिया ओपन के बाद हमने जो तैयारियां शुरू की थी, वे सही रास्ते पर हैं, हम सही रास्ते पर है।उन्होंने कहा, इस यात्रा में प्रणय के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि भले ही वह संघर्ष कर रहा था लेकिन अभ्यास में कोई कोताही नहीं बरत रहा था और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा था। उसे मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा इसलिए को बनाये रखना आसान नहीं था।
गुरुसाईदत्त हालांकि इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि चिकनगुनिया से पीड़ित होने के बावजूद प्रणय के अभ्यास दिनचर्या में में ज्यादा बदलाव नहीं आयी है।
उन्होंने कहा, वह उस तरह का खिलाड़ी है जो बड़े मौकों पर दमदार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। उसने पिछले तीन-चार वर्षों में कई बार ऐसा किया है। एक कोच के रूप में मुझे और गोपी सर (राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद) को उन पर भरोसा है।
विश्व चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीतने के बाद प्रणय को दूसरी बार पेट की उस तरह की गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा जो उन्होंने अतीत में झेला था। यह बीमारी इतनी गंभीर थी कि वह कुछ भी खा नहीं पा रहे थे।
इस बीमारी के कारण वह लगभग छह महीने तक खेल से दूर रहे। वह इसके बावजूद दो प्रतियोगिताओं के सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे।गुरुसाईदत्त की कोचिंग टीम ने उनके शरीर से सामंजस्य बिठाने के लिए अभ्यास के तरीके के कुछ बदलाव किये।उन्होंने कहा, हम कुछ नया तरीका आजमाना चाहते थे। पिछले तीन-चार टूर्नामेंटों के आधार पर गोपी सर का मानना है कि उसे लंबी अवधि के मैच खेलने होंगे। हमने इस पहलू पर काम किया।
राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता गुरुसाईदत्त ने कहा कि प्रणय को खेल में लचीलापन लाना होगा लेकिन उन्हें इस तरह से काम करना होगा कि विरोधी खिलाड़ी उनकी अगली चाल को भांप ना सके।
उन्होंने कहा, जब कोई प्रतिद्वंद्वी आक्रामक रुख अपना रहा है तो उसके पास इसका काट होना चाहिए और उसे अति रक्षात्मक रवैया अपनाने से बचना चाहिये।
पहली बार ओलंपिक खेलने को लेकर उत्साहित प्रणय ने कहा कि वह चीजों को सरल रखना चाहते है और गैर जरूरी दबाव लेने से बचना चाहते है।उन्होंने पीटीआई-भाषा को पूर्व में दिये एक साक्षात्कार में कहा, मुझे लगता है कि हर कोई सिर्फ पेरिस के बारे में बात करना चाहता है। लेकिन मैं दबाव मुक्त होना चाहता हूं। इसक पल का लुत्फ उठाना चाहता हूं। मैं इसे अपने करियर के एक और टूर्नामेंट के रूप में लेना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, पिछले कुछ मैचों में मैं मानसिक तौर पर मजबूत नहीं था।तैयारियों के लिहाज से यह जरूरी है कि मैं सामान्य चीजों पर ध्यान दूं।