Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

चंपा षष्ठी 13 दिसंबर को, प्रसन्न होंगे श्री कार्तिकेय, देंगे शुभ वरदान, ऐसे करें पूजन

Webdunia
चम्पा षष्ठी भगवान कार्तिकेय को बहुत प्रिय है। यह मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है। इस दिन 'चम्पा षष्ठी' पर्व मनाया जाता है। इसे स्कन्द षष्ठी तथा सुब्रहमन्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व 13 दिसंबर 2018, गुरुवार को मनाया जा रहा है।
 
चम्पा/स्कन्द षष्ठी यह त्योहार भगवान भोलेनाथ के खंडोबा अवतार को समर्पित है। इसी दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय ने दैत्य तारकासुर का वध किया था, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय का पूजन करने से जीवन में अच्छे योग के लक्षणों की प्राप्ति होती है तथा रोग, दुःख और दरिद्रता का निवारण होता है। स्कन्द षष्ठी एवं चम्पा व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से मुक्ति मिलती है और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष माह स्कन्द षष्ठी/ चम्पा षष्ठी के दिन ही भगवान कार्तिकेय देवताओं की सेना के सेनापति बने थे।
 
पुराणों के अनुसार भगवान खंडोबा को किसानों का देवता माना जाता है। भगवान खंडोबा को किसान, चरवाह और शिकारियों का मुख्य देवता माना जाता है। यह त्योहार कर्नाटक और महाराष्ट्र का प्रमुख त्योहार है। स्कन्दपुराण भगवान कार्तिकेय को ही समर्पित है। भगवान कार्तिकेय को चम्पा के फूल अधिक पसंद होने के कारण ही इस दिन को चम्पा षष्ठी कहा जाता है। इस व्रत में रात्रि में भूमि शयन करना चाहिए तथा तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
 
पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु ने माया मोह में पड़े नारद जी का इसी दिन उद्धार करते हुए लोभ से मुक्ति दिलाई थी। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन-अर्चन का विशेष महत्व है। इस दिन ब्राह्मण भोज के साथ स्नान के बाद कंबल, गरम कपड़े दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान कार्तिकेय का पूजन मनोकामना सिद्धि को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होता है। 
 
चम्पा षष्ठी के दिन व्रतधारी को दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करना चाहिए। भगवान कार्तिकेय के इस व्रत के प्रभाव से जीवन में खुशियां बनी रहती हैं तथा पिछले जन्म के पापों की समाप्ति होकर जीवन सुखमय हो जाता है।
 
भगवान कार्तिकेय मंगल ग्रह के स्वामी हैं। अत: जिस किसी जातक को मंगल के अशुभ फल मिल रहे हो उन्हें मंगल को मजबूत करने के लिए इस दिन भगवान कार्तिकेय का व्रत अवश्य करना चाहिए। ज्ञात हो कि यह तिथि भगवान शिव व भगवती पार्वती के पुत्र कार्तिकेय अर्थात भगवान स्कन्द को समर्पित है।

- राजश्री कासलीवाल

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

क्या है मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर का रहस्यमयी इतिहास,समुद्र से निकली थी यहां माता की मूर्ति

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

दिवाली पर मां लक्ष्मी को बुलाने के लिए करें ये 5 उपाय, पूरे साल रहेगी माता लक्ष्मी की कृपा

दिवाली से पहले घर से हटा दें ये पांच चीजें, तभी होगा मां लक्ष्मी का आगमन

सभी देखें

धर्म संसार

इस दीपावली अपने आउटफिट को इन Bangles Set बनाएं खास, देखें बेस्ट स्टाइलिंग आइडियाज

मां लक्ष्मी के ये नाम बेटी के लिए हैं बहुत कल्याणकारी, सदा रहेगी मां की कृपा

अगर दिवाली की छुट्टियां बनाना चाहते हैं ख़ास तो भारत के इन शहरों में जाएं घूमने, विशिष्ट होती है यहां दिवाली की धूम

Aaj Ka Rashifal: आज इन 3 राशियों को मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानें 26 अक्टूबर का राशिफल

26 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

આગળનો લેખ
Show comments