Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

देवशयनी पर देव सो जाएंगे तो पितृ कब जागेंगे?

देवशयनी पर देव सो जाएंगे तो पितृ कब जागेंगे?

अनिरुद्ध जोशी

आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहते हैं। इसे देवशयनी एकादशी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी आदि नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी माह के अनुसार 20 जुलाई 2021 मंगलवार को यह व्रत रखा जाएगा। इसी दिन से देव 4 माह के लिए सो जाएंगे। ऐसा कहते हैं कि देव सोते हैं तो शिव के गण और पितृ जाग जाते हैं। आओ जानते हैं पितरों का दिन-रात क्या होता है और कब है पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष।
 
 
1. 16 जुलाई 2021 को सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश होगा और सूर्य दक्षिणायन हो जाएगा। मतलब यह कि देवताओं का दिन समाप्त और रात्रि प्रारंभ होगी।
 
2. 20 जुलाई 2021 को भगवान विष्णु 4 मास के लिए योगनिद्रा में चले जाएंगे हैं। देवशयनी एकादशी के चार माह बाद भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं इस तिथि को प्रबोधिनी एकादशी या देवउठनी एकादशी कहते हैं। 
 
3. मकर संक्रांति से देवताओं का दिन आरंभ होता है, जो आषाढ़ मास तक रहता है। दक्षिणायन का काल देवताओं की रात्रि मानी गई है। अर्थात देवताओं के एक दिन और रात को मिलाकर मनुष्‍य का एक वर्ष होता है। मनुष्यों का एक माह पितरों का एक दिन होता है। 
 
4. इसी तरह 15 दिन शुक्ल पक्ष पितरों का दिन और 15 दिन का कृष्ण पक्ष पितरों की रात्रि मानी गई है। मनुष्‍यों के 30 दिन पितरों का एक दिन-रात और मनुष्यों का एक वर्ष देवताओं का एक दिन-रात होता है। सूर्य 6 माह उत्तरायण और 6 माह दक्षिणायन रहता है। उत्तरायण देवताओं का दिन और दक्षिणायन रात्रि मानी गई है।
 
5. श्रावण, भाद्र, अश्‍विन और कार्तिक माह ये चार माह चातुर्मास के होते हैं। इसमें भाद्रपद में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक कुल 16 दिनों तक चलता है। उक्त 16 दिनों में दिन के किस समय में पितरों के लिए पितृ पूजा और ब्राह्मण भोज कराना चाहिये यह जानना भी जरूरी है।
 
6. इस पार पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

इस बार 20 जुलाई को सो जाएंगे देव, जानिए देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त, मंत्र और महत्व