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23 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या, जानिए Amavasya का महत्व और खास मुहूर्त

23 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या, जानिए Amavasya का महत्व और खास मुहूर्त
Amavasya 2020
यूं तो साल के 12 महीनों में 12 अमावस्याएं आती हैं, लेकिन उनमें से कुछ श्राद्ध कर्म, पितृ-तर्पण आदि कार्यों के लिए बहुत खास मानी जाती हैं। फाल्गुन अमावस्या उन्ही में से एक है। 
 
हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत खास माना जाता है। पितृ-तर्पण, श्राद्ध आदि कार्यों के लिए यह दिन बहुत शुभ होता है। हिन्दू वर्ष के अंतिम माह, यानी फाल्गुन / फागुन माह में आने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या या फाल्गुनी अमावस्या के रूप में जाना जाता है। 
 
फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि को फाल्गुनी अमावस्या मनाई जाती है। फाल्गुन अमावस्या के दिन कई धार्मिक तीर्थों पर बड़े-बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। शास्त्रों में फाल्गुन मास में आने वाली इस फाल्गुनी अमावस्या बेहद महत्व है। इसका एक विशेष कारण यह भी है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या के ठीक एक दिन पहले देवों के देव महादेव का पावन पर्व महाशिवरात्रि मनाई जाती है। 
 
चूंकि इसके साथ इतना पवित्र और शुभ दिन जुड़ा होता है, अत: कहा जाता है फाल्गुन अमावस्या के दिन गंगा स्नान करना और दान-पुण्य करना बहुत शुभ होता है। इस दिन प्रयाग संगम पर स्नान का भी अति महत्व होता है। माना जाता है कि फाल्गुन अमावस्या पर देवताओं का निवास संगम तट पर होता है और जब कुंभ का पवित्र आयोजन हो, तब तो इस संगम स्नान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस वर्ष 2020 में कब आ रही है फाल्गुनी अमावस्या और जानिए क्या हैं इसके शुभ मुहूर्त - 
 
2020 में फाल्गुन अमावस्या के विशेष मुहूर्त इस प्रकार हैं -  
 
इस बार फाल्गुन अमावस्या 23 फरवरी 2020 रविवार को है। अमावस्या की तिथि 22 जनवरी 2020, शनिवार को शाम 7 बजकर 3 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन यानी 23 जनवरी 2020, रविवार को सुबह 3 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होने वाली है। 
 
अत: इस समयाअधि में दान-पुण्य और पूजन-अर्चन करना अधिक लाभदायी रहेगा। 

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